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वीर सपूत का बलिदान: लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की शहादत पर अयोध्या में उमड़ा जनसैलाब



अजय त्यागी 2025-05-24 10:47:27 उत्तर प्रदेश

देश के वीर सपूत को अंतिम विदाई
देश के वीर सपूत को अंतिम विदाई
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अयोध्या की पावन धरा पर आज एक ऐसा दृश्य उपस्थित हुआ, जिसने हर आँख को नम कर दिया और हर हृदय को गर्व से भर दिया। देश के वीर सपूत, लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी, जिन्होंने सिक्किम में एक साथी सैनिक की जान बचाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया, उनके पार्थिव शरीर के आगमन पर पूरा शहर उमड़ पड़ा। यह क्षण सिर्फ एक अंतिम विदाई नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति उनके अदम्य साहस और निस्वार्थ सेवा को दिया गया एक heartfelt नमन था।

पार्थिव शरीर का अयोध्या आगमन

अयोध्या, उत्तर प्रदेश: देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक निवास पहुंचा, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई, लेकिन साथ ही एक गहरा सम्मान भी दिखाई दिया। सिक्किम में कर्तव्य पथ पर अदम्य साहस का परिचय देते हुए, लेफ्टिनेंट तिवारी ने एक साथी सैनिक के जीवन को बचाने के प्रयास में अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनके पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर, बड़ी संख्या में सेना के जवान, स्थानीय नागरिक और अधिकारीगण उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए। हर आँख में आँसू थे, पर चेहरे पर देश के इस लाल के प्रति गर्व स्पष्ट झलक रहा था।

जनसैलाब ने दी अंतिम विदाई

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोग सड़कों के किनारे कतारबद्ध खड़े थे, हाथों में तिरंगा लिए और 'भारत माता की जय' तथा 'शशांक तिवारी अमर रहें' के नारे लगाते हुए। यह दृश्य भारत की उस भावना को दर्शाता है, जहाँ देश के लिए शहीद होने वाले जवान को राष्ट्र अपने शीश पर बिठाता है। स्थानीय निवासियों और सेना के जवानों ने मिलकर इस वीर सपूत को अंतिम सम्मान दिया, जो यह दर्शाता है कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देता रहेगा।

सरयू तट पर होगा अंतिम संस्कार

शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थित यमथरा घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। पवित्र सरयू के किनारे, जहाँ धर्म और संस्कृति का संगम है, वहीं इस वीर योद्धा को अंतिम विश्राम मिलेगा। यह स्थान उनके बलिदान की गाथा का साक्षी बनेगा और अयोध्या की पवित्र भूमि पर उनकी शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण होगा, जब एक वीर को उसकी कर्मभूमि पर अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका बलिदान राष्ट्र के लिए एक अमूल्य धरोहर है, जो हमें सदैव देश की सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।