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आर्केस्ट्रा की आड में शोषण का दुष्चक्र: रुपहले पर्दे की चमक ने मासूमों को बहकाया, अब तक 56 गिरफ्तार 



अजय त्यागी 2025-05-24 11:34:26 बिहार

सारण पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुमार आशीष ने ऑपरेशन की जानकारी दी
सारण पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुमार आशीष ने ऑपरेशन की जानकारी दी
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चकाचौंध भरी दुनिया के पीछे छिपे गहरे अंधेरे और शोषण की कहानियाँ अक्सर समाज को झकझोर देती हैं। बिहार के छपरा में हाल ही में पुलिस द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई ने ऐसे ही एक काले धंधे का पर्दाफाश किया है, जहाँ 'फिल्मी करियर' का सब्जबाग दिखाकर नाबालिग लड़कियों को ऑर्केस्ट्रा समूहों में धकेला जा रहा था और उनका शोषण किया जा रहा था। यह सिर्फ एक पुलिसिया कार्रवाई नहीं, बल्कि 17 मासूम जिंदगियों को गुलामी और दुर्व्यवहार के चंगुल से मुक्त कराने का एक मानवीय प्रयास है, जिसने 56 गिरफ्तारियों के साथ पूरे नेटवर्क को हिला दिया है।

छपरा में ऑर्केस्ट्रा समूहों पर पुलिस का शिकंजा

बिहार के छपरा जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए ऑर्केस्ट्रा समूहों से 17 नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित बचाया है। यह अभियान जिले के मशरख, पानापुर और ईशापुर पुलिस थाना क्षेत्रों में चलाए गए छापे के दौरान चलाया गया। पुलिस को लगातार ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि 'फिल्मी करियर' का झांसा देकर नाबालिग लड़कियों को इन समूहों में शामिल किया जा रहा है और फिर उनका अमानवीय तरीके से शोषण किया जा रहा है। इस कार्रवाई ने मनोरंजन के नाम पर चल रहे इस अवैध धंधे का भंडाफोड़ किया है।

'सारण पुलिस की आवाज' अभियान का सफल संचालन

सारण के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुमार आशीष ने इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से इस संबंध में विशिष्ट जानकारी प्राप्त हुई थी। यह जानकारी सारण पुलिस के चल रहे 'सारण पुलिस की आवाज' अभियान के अनुरूप थी, जिसका उद्देश्य जिले में अपराधों पर अंकुश लगाना और कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। एसपी ने बताया कि पुष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर कि नाबालिग लड़कियों को ऑर्केस्ट्रा में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जा रहा था और उनके साथ अनुचित कृत्य किए जा रहे थे, एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने बीती रात और आज सुबह तक छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ी सफलता मिली।

विभिन्न राज्यों से लाई गईं लड़कियां, 56 गिरफ्तारियां

पुलिस द्वारा बचाई गई 17 नाबालिग लड़कियों में से 8 पश्चिम बंगाल से, 4 ओडिशा से, 2 झारखंड से, 2 दिल्ली से और 1 बिहार से थी। यह दर्शाता है कि शोषण का यह नेटवर्क अंतरराज्यीय स्तर पर फैला हुआ था, जहाँ विभिन्न राज्यों से गरीब और कमजोर पृष्ठभूमि की लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाया जाता था। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान अब तक कुल 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें इस रैकेट के प्रमुख सरगना और ऑर्केस्ट्रा समूहों के संचालक शामिल हैं। यह गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि पुलिस इस मामले की तह तक जाकर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शोषण के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम

छपरा पुलिस की यह कार्रवाई नाबालिगों के शोषण और मानव तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑर्केस्ट्रा जैसे समूहों का उपयोग अक्सर ऐसे अवैध धंधों के लिए एक आवरण के रूप में किया जाता है, जहां मनोरंजन के नाम पर मासूमों का बचपन छीना जाता है। इस सफल बचाव अभियान ने न केवल उन लड़कियों को मुक्ति दिलाई है जो इस दलदल में फंसी हुई थीं, बल्कि यह अन्य ऐसे रैकेट चलाने वालों के लिए भी एक कड़ा संदेश है। पुलिस अब इन लड़कियों के पुनर्वास और उनकी काउंसलिंग पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि वे एक सामान्य जीवन जी सकें।

छपरा पुलिस द्वारा की गई यह बड़ी कार्रवाई समाज के उस स्याह पहलू को उजागर करती है, जहां कला और मनोरंजन के नाम पर मासूमों का शोषण किया जाता है। 'सारण पुलिस की आवाज' अभियान के तहत मिली यह सफलता निश्चित रूप से सराहनीय है। 17 नाबालिग लड़कियों की मुक्ति और 56 गिरफ्तारियां इस बात का प्रमाण हैं कि पुलिस ऐसे अपराधों के प्रति पूरी तरह गंभीर है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि समाज को ऐसे अदृश्य शोषण के खिलाफ हमेशा सतर्क रहना चाहिए और बच्चों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए, ताकि कोई भी मासूम 'फिल्मी करियर' के धोखे में आकर अपनी जिंदगी बर्बाद न करे।