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कौन सही कौन गलत? SI भर्ती रद्द करने पर दो फाड़ राजस्थान: न्याय की कसौटी पर फँसी सैकड़ों जिंदगियाँ



अजय त्यागी 2025-05-24 03:37:05 राजस्थान

SI भर्ती को लेकर सर्व समाज का प्रदर्शन
SI भर्ती को लेकर सर्व समाज का प्रदर्शन
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राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा एक बार फिर युवाओं के भविष्य को लेकर सियासी और सामाजिक बहस का केंद्र बन गई है। एक ओर जहाँ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में जयपुर में युवा भर्ती रद्द करने की मांग पर अड़े हैं, वहीं दूसरी ओर जोधपुर में 'सर्व समाज' इस भर्ती को रद्द न करने की पुरजोर मांग कर रहा है। यह स्थिति सैकड़ों उम्मीदवारों के सपनों और कड़ी मेहनत से जुड़ी है, जहाँ न्याय की कसौटी पर मासूमों का भविष्य दांव पर लगा है। आखिर इन दो विपरीत मांगों के पीछे क्या तर्क हैं और इसका अंजाम क्या होगा?

SI भर्ती पर राजस्थान में दोहरी मांग

राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा एक बार फिर विवादों में घिर गई है, जिससे प्रदेश के हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। इस भर्ती को लेकर दो बिल्कुल विपरीत मांगें सामने आ रही हैं। राजधानी जयपुर में, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में युवा लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और कई अयोग्य उम्मीदवारों का चयन हुआ है।

जोधपुर में 'सर्व समाज' की भर्ती बचाने की अपील

एक ओर जहाँ जयपुर में भर्ती रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी ओर जोधपुर में 'सर्व समाज' ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने एसआई भर्ती को रद्द न करने का आग्रह किया है। उनका तर्क है कि यदि भर्ती रद्द की जाती है तो उन हजारों मेहनती और ईमानदार उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने अपनी मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण की है। एक उम्मीदवार के परिवार के सदस्य ने कहा, "एसआई भर्ती जैसी चल रही है, वैसी ही चलती रहनी चाहिए और इसे बिल्कुल भी रद्द नहीं किया जाना चाहिए। निर्दोष उम्मीदवारों को पूरा न्याय मिलना चाहिए।" यह मांग उन उम्मीदवारों की चिंताओं को दर्शाती है जो मानते हैं कि कुछ लोगों की गलती के लिए सभी को दंडित नहीं किया जाना चाहिए।

धांधली के आरोप और निर्दोषों का भविष्य

एसआई भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं, जिससे इन आरोपों को बल मिला है। हालांकि, जोधपुर में सर्व समाज का तर्क है कि कुछ भ्रष्ट तत्वों की वजह से पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर देना गलत होगा, क्योंकि इससे उन हजारों ईमानदार उम्मीदवारों का भविष्य दांव पर लग जाएगा जिन्होंने दिन-रात एक करके तैयारी की है। यह मुद्दा अब केवल परीक्षा रद्द करने या न करने तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह उन युवाओं के भविष्य से जुड़ा है जो वर्षों से सरकारी नौकरी पाने का सपना देख रहे हैं।

राजनीतिक और सामाजिक दबाव

इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव दोनों बढ़ रहा है। हनुमान बेनीवाल जैसे नेता युवाओं के गुस्से को आवाज दे रहे हैं और सरकार पर भर्ती रद्द करने का दबाव बना रहे हैं। वहीं, जोधपुर में सर्व समाज जैसे संगठन उन उम्मीदवारों के पक्ष में खड़े हैं जो चाहते हैं कि भर्ती जारी रहे। सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह कैसे एक ऐसा समाधान निकाले जो सभी पक्षों को संतुष्ट कर सके और निष्पक्षता व न्याय सुनिश्चित हो। यह मुद्दा राजस्थान की आगामी राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

राजस्थान में एसआई भर्ती को रद्द करने और इसे जारी रखने की परस्पर विरोधी मांगें एक जटिल स्थिति पैदा कर रही हैं। यह स्पष्ट है कि दोनों ही पक्षों के अपने जायज तर्क हैं। सरकार को अब एक ऐसी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करनी होगी जो दोषियों को सजा दे और साथ ही निर्दोष उम्मीदवारों के भविष्य को सुरक्षित रख सके। यह समय की मांग है कि जल्द से जल्द इस गतिरोध को सुलझाया जाए ताकि युवा अनिश्चितता के माहौल से बाहर निकल सकें और राजस्थान के युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे।