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डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले रहें सावधान: हरियाणा में कोरोना का बढ़ता खतरा, कल्पना चावला अस्पताल की विशेष सलाह



अजय त्यागी 2025-05-24 09:15:57 हरियाणा

हरियाणा में कोरोना का बढ़ता खतरा
हरियाणा में कोरोना का बढ़ता खतरा
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दुनिया अभी भी COVID-19 महामारी के दीर्घकालिक प्रभावों से जूझ रही है, और इस वायरस का स्वरूप लगातार बदल रहा है। हरियाणा के करनाल में बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. निपुण ने एक महत्वपूर्ण अवलोकन साझा किया है। उनका यह बयान उन लोगों के लिए विशेष चिंता का विषय है, जिनकी स्वास्थ्य परिस्थितियाँ ठंडे वातावरण से बिगड़ सकती हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीज। यह जानकारी हमें बताती है कि कोरोना वायरस अब किन विशेष समूहों को अधिक निशाना बना रहा है, और ऐसे में हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता क्यों है।

करनाल में बढ़ते COVID-19 मामले और नए अवलोकन

हरियाणा के करनाल में COVID-19 के मामलों में एक बार फिर वृद्धि देखने को मिल रही है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस बढ़ती हुई संख्या के बीच, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. निपुण ने वायरस के व्यवहार को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि वर्तमान में, COVID-19 उन व्यक्तियों को अधिक प्रभावित कर रहा है जिनकी स्वास्थ्य स्थितियाँ ठंडे वातावरण में बिगड़ जाती हैं। यह एक नया पैटर्न है जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ गंभीरता से ले रहे हैं।

उच्च रक्तचाप और मधुमेह वाले अधिक जोखिम पर

डॉ. निपुण के अनुसार, जिन लोगों को उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारियाँ हैं, उन्हें COVID-19 से संक्रमित होने पर अधिक जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। ये ऐसी स्थितियाँ हैं जो अक्सर ठंडे मौसम या वातावरण में और अधिक गंभीर हो जाती हैं। ऐसे व्यक्तियों में वायरस के गंभीर लक्षण विकसित होने या जटिलताओं का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है। यह अवलोकन उन सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है जो इन पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

विशेष सावधानी की आवश्यकता

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निपुण ने जोर देकर कहा है कि ऐसे व्यक्तियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। इसका मतलब है कि उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए, नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए। इसके अलावा, अपने मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए नियमित दवाएं लेना और डॉक्टरों के संपर्क में रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। किसी भी असामान्य लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेना भी अत्यंत आवश्यक है, ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके और स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके।

सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए निहितार्थ

यह नया अवलोकन सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है। उन्हें अब COVID-19 जागरूकता अभियानों को ऐसे विशिष्ट जोखिम समूहों पर केंद्रित करना चाहिए। इन समूहों को लक्षित करके, स्वास्थ्य विभाग वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने और गंभीर बीमारी के मामलों को कम करने में मदद कर सकता है। यह दर्शाता है कि COVID-19 अभी भी हमारे बीच मौजूद है और उत्परिवर्तित हो रहा है, जिससे हमें इसके बदलते स्वरूप के अनुसार अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।

करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. निपुण का यह बयान COVID-19 के बदलते व्यवहार और उससे जुड़े जोखिमों के बारे में एक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह स्पष्ट है कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी शीत-जनित बीमारियों वाले व्यक्तियों को अब COVID-19 से अधिक खतरा है। ऐसे में, सभी को, विशेषकर इन जोखिम समूहों के लोगों को, अतिरिक्त सावधानी बरतने और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है, ताकि वे इस वायरस के गंभीर प्रभावों से बच सकें और समाज में स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।