Join our Whatsapp Group

Related Tags: #ram mandir #ayodhya #prana pratishtha #shankracharya #uttar pradesh #latest news #india news #hindi news


शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर उठाए सवाल



अजय त्यागी [Input - abplive.com] 2024-01-20 05:16:00 आध्यात्मिक

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती - फोटो : सोशल मीडिया
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती - फोटो : सोशल मीडिया

अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन को महज दो दिन बचे हैं। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन इसे लेकर हो रहा विवाद अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसके मुहूर्त पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त भी ठीक नहीं है।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आजतक से बातचीत में बताया कि वाराणसी के जिस ज्योतिषाचार्य ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मुहूर्त निकाला, वो खुद भी इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोग उनके पास आए और कहा कि जनवरी का ही मुहूर्त निकालकर दो। ऐसे में उन्हें जनवरी में जो ठीक मुहूर्त मिला वो उन्होंने बता दिया।

ज्योतिषाचार्य पर भी उठाए सवाल

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि इसमें ज्योतिषाचार्य की भी गलती है। उन्हें मुहूर्त बताने से पहले मंदिर को लेकर पूरी स्थिति साफ करने की जरूरत थी। उन्हें पूछना चाहिए था कि किस मंदिर के लिए मुहूर्त पूछ रहे हो? उसका निर्माण पूरा हुआ है या नहीं? लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। मैंने भी पांचाग देखा है, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभी शुभ मुहूर्त है ही नहीं।

मंदिर के निर्माण को लेकर भी बोले

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि मंदिर पर न तो ध्वजा है और न शीश बना है, ऐसे में इसके अंदर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उनसे वो लोग मिले थे, जिन्होंने अयोध्या में सबसे बड़ी अगरबत्ती दी है। उन लोगों का कहना था कि जब वह अगरबत्ती देने अयोध्या पहुंचे थे तो अधूरे मंदिर को देखकर हैरान हो गए। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि उन्हें तो लगा था कि पूरे मंदिर का निर्माण कार्य हो चुका है और प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार हो रही है, लेकिन यह सब देखकर अब वह निराश हैं।



प्रकाशन हेतु समाचार, आलेख अथवा विज्ञापन 6376887816 (व्हाट्सएप) या rextvindia@gmail.com पर भेजें...