Sun, 29 December 2024 11:15:58pm
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में उपस्थित हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए इस भव्य और नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।
राम भक्ति में सराबोर भक्तों का आलम ये है कि अनेक भक्त अपने आराध्य प्रभु श्री राम के दर्शनों के लिए पूरी रात से जाग रहे हैं। मंदिर के बाहर खड़े या बैठे रह कर भगवान के भजन में लीन रहते हुए पूरी रात गुजार दी। हर कोई जल्द से जल्द अपने आराध्य के दर्शनों को लालायित है।
मुंबई से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि हम यहां तीन दिन से रूके हुए हैं, दर्शन करके ही जाएंगे। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि ये भीड़ सदा रहेगी और रहनी भी चाहिए। भारत धर्म की भूमि है।
अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। भव्य रामलला के दर्शनों के साथ-साथ हर भक्त हनुमान गढ़ी मंदिर में महाबली हनुमान का आशीर्वाद लेने पहुँच रहा है। ऐसे में यहाँ भी भक्तों का रेला लगा हुआ है।
सोमवार को अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा पुजारियों की देखरेख में मुख्य अनुष्ठान किए। भगवान राम की सिंहासन पर वापसी के उपलक्ष्य में पूरे देश में जश्न भी मनाया गया।
सुबह छह बजे से रामलला के दर्शन
नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।
दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग
दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग के वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।
बदली व्यवस्था
अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं।
रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।