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जूनागढ़ में PSI ने किया बड़ा स्कैम, 335 बैंक अकाउंट्स किए फ्रीज फिर… ATS करेगी मामले की जांच



अजय त्यागी [Input - aajtak.in] 2024-01-27 06:05:25 गुजरात

मामले की जानकारी देते आईजी रेंज जूनागढ़, निलेश जाजडिया
मामले की जानकारी देते आईजी रेंज जूनागढ़, निलेश जाजडिया

जूनागढ़ में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी के पीएसआई के द्वारा बड़ा स्कैम करने का मामला सामने आया है। 335 बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया और उन्हें खुलवाने के लिए बड़ी रकम की मांग की गई। इन बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी देने वाला सीपीआई तरल भट्ट भी अहमदाबाद में कर चुका ऐसा ही एक कांड।

इस घटना के बारे में रेंज आईजी निलेश जाजडिया ने बताया कि जूनागढ़ में एसओजी के पुलिस सब इंस्पेक्टर यानी पीएसआई अरविंद गोहिल और राइटर दीपक जानी ने मिलकर कई बैंक अकाउंट के फ्रॉड दस्तावेज बनाए और ED की धमकी देकर रुपए मांगे। ऐसे एक दो नहीं, बल्कि 335 बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए, जिसमें से एक अकाउंट केरल के कार्तिक जगदीश भंडारी का भी था।   

उसको जूनागढ़ बुलाया गया और 85 लाख रुपये की मांग की गई। फिर 25 लाख में बात हुई और आखिर में मामला पांच लाख में रफा-दफा करने की बात फाइनल हुई। इसके बाद मामला जूनागढ़ के रेंज आईजी के पास पहुंचा। कार्तिक ने जब पूरी बात बताई, तो रेंज आईजी निलेश जजडिया भी चौंक उठे।

आईजी ऑफिस ने जब इस मामले की जांच के आदेश दिए, तो पता चला कि एक साथ 335 अकाउंट फ्रीज किए गए हैं। यह बड़ा मामला देख आईजी ने गोहिल और जानी को सस्पेंड कर दिया।

बैंक अकाउंट की जानकारी देने वाला CPI भी सस्पेंड   

आईजी ऑफिस के अधिकारी शक्तिसिंह गोहिल ने डिवीजन में फरियाद दर्ज करवाई और दोनों पुलिसकर्मी से पूछताछ की गई। इसमें गोहिल ने बताया की मानावदर के CPI तरल भट्ट ने इन बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स दी थी। इसके बाद आईजी ने तत्काल CPI तरल भट्ट को भी ससपेंड कर दिया। 

तरल भट्ट को पहले भी एक गुनाह में सस्पेंड करके मानावदर भेजा गया था। वह अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर ऑफिस में तैनात था और पुलिस कमिश्नर विकास सहाय ने उसे सस्पेंड कर दिया था। माधुपुरा में 2,000 करोड़ के सट्टा के कौभांड़ में शामिल तरल भट्ट को 2023 में मई में सस्पेंड कर दिया गया था और जूनागढ़ भेजा गया था। अब फिर ऐसे ही एक गुनाह में तरल भट्ट को सस्पेंड किया गया है।

कितनी बड़ी रकम हो सकती है, जांच करेगी पुलिस   

सोचिए 335 अकाउंट्स, जिसमें ज्यादातर फ्रॉड अकाउंट होने की आशंका है। ये तीनों कब से कितने लोगों से अभी तक बड़ी रकम हथिया चुके हैं, इसकी जांच पुलिस करेगी। इतने अकाउंट्स की डिटेल्स किसने तरल भट्ट को दी, उसका क्या रोल है, ये भी जांच का विषय है। पीएसआई और एएसआई किस तरह इस खेल में शामिल हुए और किन-किन लोगों से कितनी बड़ी रकम मांगी गई है, इसकी भी पुलिस जांच करेगी।  

रेंज आईजी ने बताया कि जूनागढ़ पुलिस इस केस की प्राथमिक जांच की। ये केस अंतर्राष्ट्रीय स्तर का भी हो सकता है। लिहाजा, डीआईजी ने इस केस की जांच ATS को सौंप दी है।



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