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गहलोत राज में डायलिसिस घोटाला? ज्यादा कीमत देकर खरीदी गईं मशीनें, पूर्व मंत्री बोले- मुझसे अप्रूवल नहीं लिया



अजय त्यागी [Source - NBT] 2024-01-28 05:33:35 राजस्थान

गहलोत सरकार के दौरान डायलिसिस मशीनों की खरीदी में गड़बड़ी का मामला
गहलोत सरकार के दौरान डायलिसिस मशीनों की खरीदी में गड़बड़ी का मामला
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पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद चिकित्सा विभाग में 32 करोड़ रुपये के वर्क ऑर्डर जारी हो गए। इनमें कई गुना महंगी दरों पर अस्पतालों के लिए डायलिसिस मशीनों की खरीद की गई। चिकित्सा विभाग का यह कारनामा सामने आने के बाद पूर्व चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने इससे पल्ला झाड़ लिया है। मीणा का कहना है कि डायलिसिस मशीनें खरीद के टेंडर में उनसे अप्रूवल नहीं लिया गया।

जानिए क्या है मामला

विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस के लिए मशीनें खरीदने के टेंडर जारी हुए। इसी दौरान चुनाव आचार संहिता लग गई। आचार संहिता लगने के बाद विभाग ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करते हुए वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए। प्रदेश के 182 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों के लिए डायलिसिस मशीनें खरीद ली गई। आनन फानन में हुई खरीद के बाद अब यह जानकारी सामने आई है कि डायलिसिस मशीनों की खरीद पड़ोसी राज्यों से कई गुना महंगी खरीदी गई है। ऐसे में राज्य के राजस्व को भारी चूना लगा है।

वही कंपनी, वही मॉडल लेकिन कीमत कई गुना ज्यादा

डायलिसिस मशीनें जापान की शिबुया कंपनी की है। मॉडल है सरडायल 22 प्लस। इन मशीनों की खरीद के लिए राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बिड वैल्यू 17.85 लाख रुपये रखी, जो अन्य राज्यों में खरीदी गई मशीनों से 2 से 6 लाख रुपये ज्यादा थी। टेंडर के दौरान सिंगल फर्म की दरें 21.25 लाख रुपये आई। इसमें थोड़ा कम करके 21.19 लाख रुपये में वर्क ऑर्डर दे दिया। यही मशीनें प्रधानमंत्री डायलिसिस योजना में पड़ोसी राज्यों ने खरीदी थीं, जिनकी कीमत राजस्थान की कीमतों से 6 से 10 लाख रुपये कम है।

सीधे खरीद के बजाय फर्म के जरिए की खरीद

राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने डायलिसिस मशीनों की खरीद सीधे कंपनी से करने के बजाय गुजरात की एक फर्म के जरिए की। गुजरात की फर्म ने ये मशीनें निप्रो कंपनी से खरीद कर राज्य सरकार को भेजीं। कर्नाटक, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में ये डायलिसिस मशीनें निप्रो कंपनी ने ही सप्लाई की है, जबकि राजस्थान में गुजरात की फर्म से मशीनें खरीदी गई। इस फर्म ने निप्रो से मशीनें खरीद कर राजस्थान को सप्लाई कर दी।

पूर्व चिकित्सा मंत्री ने झाड़ा पल्ला

पूर्व चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि डायलिसिस मशीनों की खरीद में हुए टेंडर में उनसे अनुमति नहीं ली गई थी। आचार संहिता में वर्क ऑर्डर जारी होने की उन्हें जानकारी भी नहीं है। उधर इक्युपमेंट पर्चेज विंग के प्रभारी आकाश आला के मुताबिक, टेंडर प्रक्रिया आचार संहिता से पहले हो चुकी थी, इस वजह से बाद में वर्क ऑर्डर जारी हुए। महंगी दरों के बारे में आकाश का कहना है कि उन्होंने ओडिशा की दरों से आंकलन करने के बाद वर्क ऑर्डर जारी किया था।