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राजस्थान को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी, सिंगल विंडो से एक कदम आगे बढ़ेगी भजनलाल सरकार, ब्लूप्रिंट तैयार



अजय त्यागी [Source - NBT] 2024-01-28 05:45:33 राजस्थान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा - File Photo
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा - File Photo
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राजस्थान का कर्जा पिछले 5 सालों में कई गुना बढ़ गया है। पूर्ववर्ती सरकार की कई मुफ्त योजनाओं और अन्य सुविधाओं ने प्रदेश को कर्जे में धकेल दिया। अब हाल ही में बनी भजनलाल सरकार के सामने प्रदेश के आर्थिक हालात बड़ी चुनौती बने हुए हैं। नई सरकार निवेशकों के जरिए धन जुटाने की कोशिश में है, ताकि आर्थिक संकट के हालात से बाहर निकला जा सके और सरकारी योजनाओं के साथ पीएम मोदी की गारंटियों को पूरा किया जा सके। प्रदेश में विकास कार्यों के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाने हैं, ताकि डबल इंजन की सरकार का असर आमजन को नजर आए।

गुजरात मॉडल पर काम करेगी भजनलाल सरकार

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और कांग्रेसी नेताओं ने भले ही गुजरात मॉडल को सिरे से खारिज कर दिया हो, लेकिन भजनलाल सरकार गुजरात मॉडल को अहम मान रही है। राज्य सरकार अब गुजरात मॉडल को अपनाते हुए विकास की दिशा में काम करेगी। राजस्थान को दुनिया का सबसे बड़ा निर्माण केंद्र बनाने के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। प्रदेश को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में राज्य सरकार कदम उठा रही है। सीएम भजनलाल शर्मा पिछले दिनों पीएम मोदी से मिले और निवेश के संबंध में चर्चा की। उसके बाद उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

निवेशक ही एकमात्र वीआईपी

गुजरात में हुए वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पूरे गुजरात मॉडल का अध्ययन किया। साथ ही कई निवेशकों से भी मिले। अब राजस्थान को भी मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में आगे बढाने और ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को प्रदेश में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का उद्योग विभाग अब निवेशक ही हमारा एकमात्र वीआईपी थीम पर कार्य कर रहा है।

सिंगल विंडो के स्थान पर वन स्टॉप शॉप की तर्ज पर काम

भजनलाल सरकार सिंगल विंडो सिस्टम से आगे बढ़ते हुए वन स्टॉप शॉप की तर्ज पर नया सिस्टम डेवलप करने जा रही है, जहां निवेशकों को राजस्व, वित्त सहित सभी तरह की क्लीयरेंस ऑनलाइन मिल सके। बड़े प्रोजेक्ट्स के प्रस्तावों को कम से कम समय में मंजूरी मिले ताकि प्रदेश में निवेश हो सके और केवल एमओयू नहीं बल्कि धरातल पर उसका असर नजर आ सके। उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बीते दिनों विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर ऐसी संभावनाएं तलाशने की बात कही, जिनमें निवेश की अपार संभावनाएं हो। साथ ही उद्योग विशेषज्ञों से भी सुझाव लिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उद्योग नीति में संशोधन करके विकास को गति दी जा सके।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार के अवसर सबसे ज्यादा

मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है। यही वजह है कि राज्य सरकार प्रदेश में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के प्रयास कर रही है। यहां विस्तृत क्षेत्र हैं, कुशल श्रमिक है और खनिज भंडार भी हैं। मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने से बेरोजगारी का संकट काफी हद तक दूर किया जा सकेगा और निर्माण के दौरान इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा।