Fri, 20 September 2024 03:10:26am
लंबे इंतजार के बाद भव्य और दिव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है और रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो चुके हैं। इसके बाद लगातार अयोध्या अपनी पहचान की तरह जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर संदेश दे रही है। वहीं, कोई समूह में चलकर, तो कोई पैदल नंगे पांव चलकर अपने-अपने तरीके से अपने आराध्य के दर्शन करने अयोध्या पहुंच रहा है।
इसी कड़ी में लखनऊ के मुस्लिम राम भक्तों का एक जत्था अयोध्या पहुंचा और रामलला के दर्शन किए। बता दें कि 25 जनवरी को लखनऊ से निकला सैकड़ों मुस्लिम राम भक्तों का जत्था 30 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला का दर्शन करने पहुंचा है। हर कोई प्रभु श्रीराम के रंग मे रंगा दिखा।
लखनऊ से अयोध्या की दूरी है 135 किमी
लखनऊ से अयोध्या तक मुस्लिम राम भक्त गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। मुस्लिम राम भक्तों ने प्रति दिन औसतन 26 किलोमीटर की यात्रा की। बताते चलें कि लखनऊ से अयोध्या की दूरी करीब 135 किलोमीटर है। इस तरह से उन्हें पैदल चलकर अयोध्या पहुंचने में करीब पांच दिन का समय लगा।
पूर्वज और नबी मानते हैं मुस्लिम समाज के लोग
मुस्लिम समाज के लोग भगवान श्रीराम को अपना पूर्वज मानते हैं। कुछ लोग भगवान राम को अपना नबी बताते हैं। इन लोगों ने कबीर मठ में जाकर भी दर्शन किए। गौरतलब है कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर की स्थापना के साथ ही राललला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था। पूरे देशभर में इस कार्यक्रम के दौरान घरों और मंदिरों में पूजन किया गया था।
अयोध्या में उमड़ रहा है भक्तों का सैलाब
अगले दिन यानी 23 जनवरी से राम मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया गया था। पहले ही दिन करीब पांच लाख भक्तों ने रामलला के दर्शन किए थे। तब से भक्तों का सैलाब अपने आराध्य के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहा है। आलम यह हो गया कि प्रशासन को अयोध्या आने वाले सभी वाहनों को रोकने का निर्देश देना पड़ा था। वहीं, सरकार ने भी वीआईपी लोगों से अपील की है कि वे अयोध्या की अपनी यात्रा को फिलहाल टाल दें। यदि वे आ रहे हों, तो पहले प्रशासन को सूचित करें।
Video Credit Source : aajtak.in