Sun, 29 December 2024 11:28:03pm
22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया था। इसके बाद वो 18 फरवरी को यूएई के अबु धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं। स्वामी नारायण मंदिर का निर्माण भारत और यूएई के बीच सद्भाव के प्रतीक के तौर पर किया गया है। उद्घाटन होने के बाद इस मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
ऐसा पहली बार है कि किसी मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर बना है। ये मंदिर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तरह भव्य है। अब अबु धाबी में घंटों और शंखों की आवाज सुनाई देगी। इस मंदिर की भव्यता बस देखते ही बनती है।
700 करोड़ रुपये की लागत
इस मंदिर का निर्माण 700 करोड़ रुपये में हुआ है। इस मंदिर का नाम बीएपीएस मंदिर है क्योंकि इसे बीएपीएस संस्था के नेतृतव में बनाया गया है। मंदिर को 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है और ये जगह यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दान में दी है।
भारतीय कारीगरों ने तैयार किया मंदिर
स्वामी नारायण मंदिर को भारत के कारीगरों ने बनाया है। जिसे अरबी और हिंदू संस्कृति का प्रतीक माना गया है। मंदिर में 7 शिखरों का निर्माण किया गया है और हर शिखर में देवी देवताओं की उपस्थिति होगी।
राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से बना मंदिर
इस मंदिर के निर्माण में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों और इटली की संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इसकी शिलाएं भरतपुर से ले जाई गईं हैं। यूएई की भीषण गर्मी में भी इन पत्थरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
एशिया का सबसे बड़ा मंदिर
अबु धाबी में बना ये हिंदू मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है। इसकी ऊंचाई 108 फीट, लंबाई 79.86 मीटर और चौड़ाई 54.86 मीटर है। इस मंदिर को बनाने में 18 लाख ईंटों का भी इस्तेमाल किया गया है।
मंदिर परिसर में लगाई गईं 96 घंटियां
मंदिर के बाहरी हिस्से में 96 घंटियां लगाई गई हैं। साथ ही मंदिर के अंदर पत्थरों पर नक्काशी की गई है। उसमें रामायण और महाभारत के साथ-साथ हिंदू धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं का वर्णन किया गया है।