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भाजपा में जाना कोई गुनाह नहीं है, सियासत संभावनाओं का खेल - आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान



अजय त्यागी [Input - abplive.com] 2024-02-06 07:50:43 राजनीति

कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम - Photo : abplive
कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम - Photo : abplive

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजाप में शामिल होना कोई गुनाह नहीं है। राजनीति संभावनाओं का खेल है। अभी ना मैंने कुछ छोड़ा है ना पकड़ा है। सियासत संभावनाओं का खेल है।

यह पूछे जाने पर कि वह कौन सी लोकसभा सीट से तैयारी कर रहे हैं, कृष्णम ने कहा कि मैं अभी कल्कि धाम के शिलान्यास की तैयारी कर रहा हूं। न तो मुझे किसी ने बीजेपी में शामिल होने के लिए कहा और न ही मैं किसी के पास इसके लिए गया।

कांग्रेस से निष्कासन के सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वह चाहे तो सजा दे सकते हैं। मुझे अब तक कोई नोटिस नहीं मिली है।

इससे पहले आचार्य प्रमोद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से  मुलाकात की। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात पर कहा कि आज मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला और उन्हें श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह का निमंत्रण दिया। हमें पूरा विश्वास है कि वे उसमें आएंगे।

आचार्य ने गांधी परिवार को निमंत्रण देने के सवाल पर कहा कि सभी को आमंत्रण जाएगा। यह तो 19 फरवरी को पता चलेगा कि कौन आया और कौन नहीं? सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात संदर्भ में प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मेरी कोई और चर्चा नहीं हुई है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाना गुनाह है तो इस गुनाह की सजा भुगतने को तैयार हूं। अगर पीएम मोदी और सीएम योगी से मिलना गुनाह है तो यह गुनाह में करता रहूंगा।

बिहार में नीतीश कुमार के अलग होकर बीजेपी के साथ जाने के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णम भी पार्टी से अलग होते दिख रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर जमकर तंज कसा है।

कार्यकर्ताओं को लेकर खरगे के बयान पर भी भड़के थे आचार्य 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यकर्ताओं को लेकर दिए गए बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि बड़े नेता को अपनी मर्यादा और भाषा का ध्यान रखना चाहिए। कार्यकर्ताओं से पार्टी बनती है। कार्यकर्ता कर्मठ और कर्मवीर होता है। सवाल किसी एक पार्टी का नहीं, सभी पार्टियां कार्यकर्ताओं के खून पसीने की बुनियाद पर खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी कार्यकर्ताओं की बुनियाद पर खड़ी है। इन्हें लेकर जिस तरह की भाषा का प्रयोग हुआ, उससे न सिर्फ मुझे बल्कि तमाम कार्यकर्ताओं के मन को ठेस पहुंची है। इसके लिए उन्हें क्षमा मांगनी चाहिए।

राहुल गांधी तक नहीं पहुंचाया जा रहा मैसेज

आचार्य प्रमोद कृष्णम यहीं नहीं रुके। उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वह राहुल गांधी से एक साल से मिलना चाहते हैं, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है। इसके पीछे की एक वजह ये भी हो सकती है कि मेरा संदेश शायद उन तक नहीं पहुंचाया जा रहा है। जबकि, प्रधानमंत्री कार्यालय को फोन करने के मात्र चार दिन बाद ही पीएम नरेंद्र मोदी ने मिलने का समय दे दिया।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और कहा था कि पीएम को दैवीय शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त है। इसके बाद 4 फरवरी को उन्‍होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। इसके अलावा इन्होंने पीएम मोदी की ओर से सोमवार (5 फरवरी) को लोकसभा में दिए भाषण की भी जमकर तारीफ की है।

इन दोनों मुलाकातों और पीएम की लगातार तारीफ के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रमोद कृष्णम कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। आचार्य प्रमोद कृष्ण 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से उम्मीदवार थे।



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