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पश्चिम बंगाल की जेलों में महिलाएं हो रहीं गर्भवती, बैन हो पुरुष कैदियों का प्रवेश, कलकत्ता हाई कोर्ट में वकील का दावा



अजय त्यागी [Input - abplive.com] 2024-02-09 11:13:23 पश्चिम बंगाल

कलकत्ता हाई कोर्ट - फोटो : सोशल मीडिया
कलकत्ता हाई कोर्ट - फोटो : सोशल मीडिया
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कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार (8 फरवरी) को उस मामले को आपराधिक खंडपीठ को स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जिसमें न्यायमित्र ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के सुधार गृहों में बंद कुछ महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं। 196 बच्चे इस तरह के विभिन्न गृहों में रह रहे हैं।

वकील तापस कुमार भांजा को जेलों में कैदियों की अधिक संख्या पर 2018 के स्वत: संज्ञान मामले में अदालत ने न्यायमित्र नियुक्त किया गया था। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश  टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इन मुद्दों और सुझावों वाला एक ज्ञापन दाखिल किया।

क्या सुझाव दिया?

बेंच ने कहा कि न्यायमित्र ने दावा किया है कि महिला कैदी हिरासत में गर्भवती हो रही हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की विभिन्न जेल में लगभग 196 बच्चे रह रहे हैं। भांजा ने सुधार गृहों के पुरुष कर्मचारियों के महिला कैदियों की जेल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया।

कोर्ट ने क्या कहा?

खंडपीठ में न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य भी शामिल थे। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने निर्देश दिया कि इस संबंध में उचित आदेश के लिए मामला उनके समक्ष रखा जाए।