Fri, 20 September 2024 03:20:12am
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के फैमिली कोर्ट के चीफ जस्टिस के एन सिंह की अदालत ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि पति के साथ रहने से मना करने वाली पत्नी भरण-पोषण की पात्र नहीं है। जबलपुर निवासी सचिन तंतुवाय के आवेदन पर स्पेशल जज ने यह फैसला सुनाया है। अनावेदक की ओर से अधिवक्ता जीएस ठाकुर और अरुण कुमार भगत ने पक्ष रखा।
ये है पूरा मामला
सचिन तंतुवाय की तरफ से दलील दी गई कि उसकी पत्नी 15 दिसंबर 2020 से ससुराल छोड़कर मायके में रहने लगी है। पति द्वारा नोटिस मिलने के बाद उसने अदालत में प्रकरण प्रस्तुत कर भरण-पोषण की मांग कर दी। इतना ही नहीं पत्नी ने सचिन के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का प्रकरण भी दर्ज करा दिया। साथ ही उसने बारह लाख रुपये का चेक अनादरित होने का परिवाद भी कोर्ट में प्रस्तुत किया।
पत्नी ने अपने न्यायालयीन कथनों में साफ किया है कि मुझे पति के साथ नहीं रहना है। इसके बाद उपरोक्त तर्कों और प्रस्तुत किए गए न्यायदृष्टांत से सहमत होकर अदालत ने पत्नी के भरण-पोषण का आवेदन निरस्त कर दिया।