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ऑनलाइन सट्टेबाजी का बड़ा खेल, नाबालिगों के खाते खुलवा कर 4 करोड़ का लेनदेन



अजय त्यागी [Input - abplive.com] 2024-02-10 06:33:04 मध्य प्रदेश

सांकेतिक फोटो - सोशल मीडिया
सांकेतिक फोटो - सोशल मीडिया

मध्यप्रदेश के कटनी जिले में सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक (हेड ऑफिस मुंबई) के कई खातों में हुए संदिग्ध लेनदेन को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, यह पूरा मामला ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले गिरोह से जुड़ा हुआ है। एसपी अभिजीत रंजन ने बताया कि सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में खोले गए 16 खातों से करीब चार करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। यह लेनदेन ऑनलाइन गैम्बलिंग की रकम इधर से उधर करने के लिए हुआ।

भापोल से ऑपरेट होता था पूरा नेटवर्क

पुलिस के मुताबिक ऑनलाइन सट्टे और उससे जुड़े लेनदेन का पूरा नेटवर्क भोपाल से ऑपरेट होता था। भोपाल पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी 9 आरोपी पन्ना जिले के शाहनगर निवासी दुर्गेश यादव के लिए काम करते थे। एसपी रंजन ने बताया कि मुख्य आरोपी दुर्गेश अभी पकड़ा नहीं जा सका है। उसकी तलाश जारी है। इस मामले में अभी तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

जबलपुर के रहने वाले है 4 आरोपी 

भोपाल से पकड़े गए आरोपियों में से 4 जबलपुर के रहने वाले हैं। इनमें धनवंतरी नगर निवासी लावन्य पिता मनीष पाल, दमोहनाका निवासी कमल पिता मनोज केसवानी, फूटा ताल निवासी विपुल पिता अखिल जैन तथा राहुल पिता बब्लू असवानी शामिल हैं। इनके अलावा पन्ना जिला के धमतरा के शिवम पिता उरताज प्रसाद राय, शाहनगर के पटपरी का धर्मेन्द्र पिता शिव कुमार वर्मा और खमतरा के रामप्रकाश पिता नारायण प्रसाद विश्वकर्मा को भी पुलिस ने भोपाल से पकड़ा है। पकड़े गए आरोपियो में कटनी के रोहित और बीना (सागर) के अजय भी इस गिरोह में शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 लैपटॉप और 9 मोबाइल भी जब्त किए  हैं। इस मामले में कटनी जिले के गैतरा निवासी विवेक पटेल की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। फिलहाल सभी आरोपी रिमांड पर हैं।

दुर्गेश यादव के लिए काम करते थे पकड़े गए आरोपी

पुलिस द्वारा भोपाल से पकड़े गए सभी 9 आरोपी दुर्गेश यादव के लिए काम करते थे। उन्होंने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि दुर्गेश ने इन्हें 15 से 20 हजार रुपए मासिक के वेतन पर रखा था। ऑनलाइन सट्टा और उसके पैसे को ऑनलाइन इधर से उधर करने के लिए दुर्गेश ने इन्हें लैपटाप और मोबाइल दे रखे थे। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से काम पर रखे गए ये युवक दुर्गेश के इशारे पर सारा नेटवर्क ऑपरेट करते थे। इस मामले में सबसे पहले पकड़ा गया विवेक पटेल भी दुर्गेश के लिए काम करता था और उसने पैसों का लालच देकर अपने गांव गैतरा के 17 बेरोजगार युवाओं तथा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के बैंक में खाते खुलवाए थे। जांच में एक खाता ऐसा पाया गया, जिसमें कोई लेनदेन नहीं हुआ।

शहर के अलग-अलग बैंकों में मिले खाते

एसपी अभिजीत रंजन के मुताबिक जांच के दौरान पता चला है कि गैतरा निवासी चार युवकों के एक से अधिक खाते शहर के ही अन्य बैंक में मिले हैं। पुलिस ने एयू स्माल फाइनेंस बैंक, बंधन बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी बैंक से पत्राचार किया है। उन्होंने कहा कि यह सब प्रारंभिक जांच के नतीजे है। दुर्गेश यादव के गिरफ्तार होने पर और जानकारी सामने आएगी। उन्होंने बताया कि यह ऑनलाइन गैंबलिंग कई तरीके से खेली जाती है। क्रिकेट, ताश, कैरम सहित अन्य गेम एप के माध्यम से यह संचालित किए जाते हैं।



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