Fri, 20 September 2024 03:02:24am
खुद को पीएमओ ऑफिस में ओएसडी बताने वाले युवक मनीष कुमार को डोरंडा थाना पुलिस ने सलाखों के पीछे भेज दिया। पुलिस ने आरोपित के पास से फर्जी विजिंटिग कार्ड भी बरामद किया है।
सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि मनीष सोमवार को रांची में रहने वाले अपने तीन साथियों के साथ देउड़ी मंदिर गया था। वहां पूजा-पाठ करने के बाद आरोपित ने अपने दोस्तों से कहा कि वह अब ओएसडी बन गया है। वह रांची आया है तो आईजी अखिलेश झा से मुलाकात करेगा।
इतना ही नहीं, दोस्तों को साथ लेकर वह आइजी के पास पहुंच भी गया, लेकिन आईजी ने आरोपित को पकड़ लिया कि वह झूठ बोल रहा है। उन्होंने डोरंडा पुलिस को मौके पर बुलाया और आरोपित व उसके दोस्तों को पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में डोरंडा थाना प्रभारी आनंद कुमार के बयान पर केस दर्ज हुआ है।
पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित सिर्फ अपने दोस्तों के बीच रौब जमाना चाहता था या वह किसी और इरादे से पहुंचा था। पुलिस का कहना है कि आरोपित के बारे में डिटेल खंगाला गया, लेकिन वह इससे पहले किसी मामले में आरोपी नहीं है।
ओएसडी (OSD) के घर में रहता है आरोपित
सिटी एसपी ने बताया कि आरोपित मनीष कुमार दिल्ली में पीएमओ आफिस के ओएसडी के घर में रहता है। वहीं रहकर उसने फर्जी विजिटिंग कार्ड बना लिया था। आरोपित अपने दोस्तों से कहता था कि वह पीएमओ आफिस में कार्यरत है। कुछ दिन पहले ही ओएसडी बना है।
आरोपित अपने दोस्तों से अक्सर काम से जुड़ी बातें करता था। इस वजह से दोस्तों को भरोसा हो गया था कि आरोपित पीएमओ आफिस में सच में काम करता है। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपित ओएसडी तो दूर वह पीएमओ आफिस में कोई काम नहीं करता है। पुलिस इस मामले में देउड़ी मंदिर गई थी। वहां भी आरोपित के बारे में पूछताछ की गई।
जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि आरोपित मनीष के दोस्तों को अभी छोड़ दिया गया है। हालांकि, प्राथमिकी में तीनों दोस्तों का भी नाम है। जांच के बाद पता चलेगा कि इस मामले में आरोपित के दोस्तों की कितनी भागीदारी है। सिटी एसपी ने बताया कि पीएमओ आफिस में पीके मिश्रा ओएसडी के पद पर कार्यरत हैं।
आरोपित खुद को पीके मिश्रा का ओएसडी बताता था। इसका सत्यापन पीएमओ ऑफिस से किया गया तो सारे दावे फर्जी निकले।