Fri, 20 September 2024 03:20:22am
जम्मू-कश्मीर में भी इंडिया गठबंधन में एक बड़ी फूट पड़ गई है। राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी। यही नहीं, फारूक ने पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ दोस्ती का हाथ भी बढ़ा दिया है। उन्होंने एनडीए में जाने का संकेत देते हुए कहा कि अगर पीएम मोदी या गृह मंत्री बुलाएंगे तो उनसे कौन नहीं बात करना चाहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर बातचीत असफल हो गई है, इसलिए वो अलग से चुनाव लड़ेंगे।
पीएम बुलाएंगे तो जाएंगे
फारूक अब्दुल्ला के बयान से इंडिया गठबंधन में खलबली मचना तो तय है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि राज्य में किसी भी पार्टी के साथ वो गठबंधन नहीं करेंगे। यह पूछने पर कि क्या वह एनडीए में शामिल हो सकते हैं तो उन्होंने कहा कि हमारे खिड़की, दरवाजे खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें बात करने के लिए बुलाएंगे तो जरूर जाएंगे। यह पूछने पर कि क्या वह एनडीए में शामिल होंगे, इस पर फारूक ने कहा कि इस संभावना को नकार नहीं सकते हैं।
फारूक के ताजा बयान ने राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी गठबंधन का हिस्सा रहे एनसी के नेता अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो सकती है। यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विपक्षी महागठबंधन छोड़कर NDA का दामन थाम लिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या फारूक का बयान भी क्षेत्रीय दलों के NDA की ओर झुकाव का संकेत है? क्या इससे लोकसभा चुनाव 2024 के समीकरण बदलेंगे?
विपक्षी खेमे में सियासी बेचैनी?
फारूक का बयान विपक्षी खेमे में बेचैनी पैदा कर सकता है। विपक्ष एकजुट होकर NDA को चुनौती देने की कोशिश में है, ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस का रुख बदलना विपक्ष की रणनीति पर सवाल खड़ा करता है। यह माना जा सकता है कि विपक्ष के नेताओं के बीच एकजुटता को लेकर मतभेद हैं, और क्षेत्रीय दल अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए अलग राह अपनाने पर विचार कर रहे हैं।