Fri, 20 September 2024 03:06:48am
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद मथुरा-काशी को लेकर उठ रही मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आप जितने मंदिर चाहें बना लें, आप जितनी मस्जिदें तोड़ना चाहते हैं, तोड़ दें। लेकिन खुदा का रास्ता बंद नहीं होगा। फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान कहा कि संविधान बदल सकता है, लेकिन कुरान नहीं बदल सकती।
ABP के अनुसार उनसे जब पीएम मोदी के 400 सीटों के आंकड़े को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास तिलिस्मी चिराग होता तो मैं कह देता कि साहब ये नंबर आएंगे। लेकिन मेरे पास नहीं हैं। इनके पास सब एजेंसी हैं। लेकिन फाइनल फिगर लोगों के पास है। जब चुनाव हो जाएंगे तब पता चल जाएगा कि किसे कितनी सीटें मिलीं।
कश्मीर में शांति के दावे पर क्या बोले अब्दुल्ला?
कश्मीर से धारा 370 हटने से क्या कुछ हवा बदली है, इस सवाल के जवाब में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा कि अब मैं इस बारे में क्या कहूं। अगर बदला होता, तो यहां चुनाव क्यों नहीं हुए? क्या वजह है कि जब इन्होंने चुनाव के ऐलान किए, लेकिन नहीं हुए? मुझे ये समझ नहीं आता क्यों ये 370 का राग अलाप रहे हैं। इन्होंने इसका मुद्दा बना दिया। कांग्रेस ने इसे (आर्टिकल 370) पहले ही बहुत छोटा कर दिया था। इसमें कुछ बचा ही नहीं था।
कश्मीर में शांति के बीजेपी के दावे पर अब्दुल्ला ने कहा कि क्या आतंकवाद खत्म हुआ? इतने फौजियों पर हमला हुआ। हमारे सेना के अफसर शहीद हुए। आतंकी हमलों में हमारे पुलिस के जवान और अफसर शहीद हो रहे हैं। कहां हैं वो? ये लोग बात करते रहते हैं। ये सियासी मुद्दा है। इनको लगता है कि इससे लोग वोट देंगे। लेकिन कहने दीजिए, मैं इस दावे पर क्या कर सकता हूं।
भारत रत्न पर क्या बोले पूर्व सीएम?
फारूक अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि क्या वोटरों को साधने के लिए नेताओं को भारत रत्न दिया गया। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि इन नेताओं ने बहुत काम किया। अच्छी बात है। ये नेक बात है कि चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया, इसमें बुरी बात नहीं है। अटल बिहारी वाजपेयी ने हमारे बहुत बड़े बड़े सितारों को भारत रत्न दिया है। ये अच्छी बात है कि आप उन लोगों की पहचान करें, जिन्होंने लोगों के लिया काम किया। इस मामले में पीएम मोदी का दिल बहुत बड़ा है। ये कोई छोटी बात नहीं है।
राम मंदिर को किस तरह से देखते हैं?
इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि ये धर्म का मामला है। इसकी निंदा की जरूरत नहीं है। ये लोग इस मुद्दे को क्या बनाते हैं, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। मेरे लिए ये धर्म का मुद्दा है। ये श्रद्धा का मामला है। इस पर क्या कहा जाए, ये अच्छी बात है।
UCC पर क्या बोले अब्दुल्ला?
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत में कई धर्म हैं। आदिवासियों का अपना अलग तरीका है। भारत एक ही फूल नहीं है। इसे ऐसे ही रहने दीजिए। सरकार को जो करना है, करने दीजिए। ये पहले किसान आंदोलन लाए थे, हमने इसका विरोध किया। फिर यूपी के चुनाव आए तो इन्होंने इन कानूनों को वापस ले लिया। अब्दुल्ला ने कहा कि जब यूसीसी आएगा, तब पता चलेगा कि लोग किस तरह रिएक्ट करते हैं।