Fri, 20 September 2024 03:27:29am
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शुक्रवार (16 फरवरी) को एक बिल्डर के आवास और कार्यालय पर छापेमारी शुरू की। ये बिजनेसमैन पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बलों के साथ ईडी की टीमों ने व्यवसायी के एक कार्यालय और तीन फ्लैटों पर छापा मारा, जिनमें से एक कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में नकटला में पार्थ चटर्जी के घर के ठीक सामने है।
बिल्डर ने घोटाले में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
ईडी अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बिल्डर ने घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति ने घोटाले से प्राप्त धन को विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने में गिरफ्तार मंत्री की मदद की है। पार्थ चटर्जी को केंद्रीय एजेंसी ने सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी का कोलकाता आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण बरामद किए गए थे।
ईडी की 5 जगहों पर छापेमारी
ईडी ने नाकतल्ला में पार्थ चटर्जी के घर के ठीक सामने राजीव डे का पांच मंजिला घर है। यहीं पर ईडी का ऑपरेशन चल रहा है। इसके अलावा ईडी के अधिकारियों ने राजीव डे के श्रीराम कंस्ट्रक्शन ऑफिस पर भी छापेमारी की। ईडी सूत्रों के मुताबिक, पार्थ के इस करीबी प्रमोटर ने बड़ी मात्रा में काला धन बाजार में निवेश किया है। दावा है कि उनके नाम पर कई बेनामी संपत्तियां हैं। इससे पहले ईडी राजीव डे को नोटिस भेज चुकी है और उनसे 3-4 बार पूछताछ कर चुकी है।
अधिकारी ने कहा कि इस शख्स के कब्जे से जब्त किए गए कई दस्तावेजों और बैंक विवरणों से साबित हुआ है कि पार्थ चटर्जी ने प्राथमिक विद्यालय घोटाले से प्राप्त धन को निवेश करने के लिए उसकी मदद ली है।