Fri, 20 September 2024 03:12:18am
गुजरात में कांग्रेस अपने विधायकों का विश्वास खोने के साथ विधानसभा में नेता विपक्ष का कार्यालय भी खो चुकी है। भाजपा के निशाने पर अभी कुछ और कांग्रेस के विधायक हैं। कई राज्यों में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच गुजरात के सत्ता के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस के कुछ पूर्व अध्यक्ष भी पाला बदल सकते हैं।
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक अर्जुन मोढवाडिया समेत कई नेताओं ने सीधे कांग्रेस आलाकमान को नसीहत दे डाली थी। लोकसभा चुनाव से पहले मोढवाडिया पर भाजपा डोरे डाल रही है, ताकि पोरबंदर के गढ़ को मजबूत किया जा सके।
भाजपा का पांच लाख वोटों के अंतर से जीतने का दावा
गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड 156 सीटों पर जीत दिलाकर एक नया कीर्तिमान तो स्थापित किया ही है। अब आगामी लोकसभा चुनाव में वह राज्य की सभी 26 लोकसभा सीटों को पांच-पांच लाख के अंतर से जीतने का दावा कर रहे हैं। उनका यह काम इसलिए और आसान हो रहा है चूंकि कांग्रेस चुनाव से पहले ही हथियार डाल चुकी है।
कांग्रेस-आप के बीच खींचतान
गत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच जिस तरह की खींचतान हुई थी, ठीक वैसा ही अब नजर आ रहा है। इस बार विधानसभा के सत्र के दौरान कांग्रेस औपचारिक विरोध भी नहीं कर पा रही है। बीते कुछ दिनों में गुजरात विधानसभा के चार विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। संभवत लोकसभा के साथ विधानसभा की इन सीटों पर भी चुनाव होगा।
कांग्रेस के दो विधायक भाजपा में शामिल
कांग्रेस के दो विधायक वीजापुर से सीजे चावड़ा, खंभात से चिराग पटेल, एक निर्दलीय तथा आम आदमी पार्टी के विसावदर से विधायक भूपत भायाणी पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा में जहां भाजपा के 156 सदस्य हैं, वहीं कांग्रेस के 15 व आप के चार हैं। एक समाजवादी पार्टी व दो निर्दलीय विधायक भी हैं।
सभी 26 सीटें पांच-पांच लाख मतों से जीतनी है- पाटिल
भाजपा के प्रदेश कार्यालय श्रीकमलम में चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में हुई बैठक में अध्यक्ष सीआर पाटिल कह चुके हैं कि इस चुनाव में सभी 26 सीटें पांच-पांच लाख मतों के अंतर से जीतनी है। सभी सीटों पर जीत की हैट्रिक लगानी है। जबकि गुजरात भाजपा प्रभारी रत्नाकर ने पार्टी की इस बैठक में पदाधिकारियों को सरपंच स्तर तक का चुनाव लड़ चुके नेताओं को भाजपा में लाने की बात कही थी।
पिछड़े बूथों में बढ़त लेना पहली प्राथमिकता
पार्टी के मीडिया प्रभारी यज्ञेश दवे बताते हैं कि एक बूथ में 800 से 1200 मत होते हैं। भाजपा जिन बूथों में पिछड़ी थी, उनमें बढ़त लेना पहली प्राथमिकता होगी। आने वाले दिनों में भाजपा बड़े पैमाने पर विरोधी दलों के नेता व कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर सकती है। भाजपा ने ऐसे नेताओं की सूची बनाकर पार्टी में उनका स्वागत करने के लिए छह सदस्यों की एक समिति बनाई है।
ये सदस्य लिस्ट में शामिल
इसमें राज्य मंत्री प्रफुल्ल पानसेरिया, विधानसभा में उपसचेतक जगदीश मकवाणा, प्रदेश उपाध्यक्ष डा. भरत बोधरा, वडोदरा के प्रभारी राजेश पाठक, युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष हिमांशु पटेल तथा सह प्रवक्ता जयराज सिंह को शामिल किया गया है।