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सीई20 क्रायोजेनिक इंजन गगनयान मिशन के लिए तैयार, मानवरहित मिशन के लिए तैयार इंजन को भी मिली मंजूरी



अजय त्यागी 2024-02-21 04:31:17 तकनीकी

सीई20 क्रायोजेनिक इंजन गगनयान मिशन के लिए तैयार - Photo : ANI
सीई20 क्रायोजेनिक इंजन गगनयान मिशन के लिए तैयार - Photo : ANI

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद गगनयान मिशन पर तेजी के साथ काम शुरू हुआ है। गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस मिशन है। यह मिशन भारत के लिए बेहद खास इसलिए है क्योंकि अगर यह सफल होता है तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसरो ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है। उसने नई जानकारी देते हुए बताया कि सीई20 क्रायोजेनिक इंजन अब गगनयान मिशन के लिए एकदम तैयार है। कई कठिन परीक्षणों के बाद CE20 क्रायोजेनिक इंजन को सेफ्टी का सर्टिफिकेट मिल गया है।

इंजन की क्षमता का पता चला

इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि सीई20 क्रायोजेनिक इंजन अब गगनयान मिशन के लिए एकदम तैयार है। कठोर परीक्षण से इंजन की क्षमता का पता चलता है। पहली मानव रहित उड़ान LVM3 G1 के लिए तैयार किए गए सीई20 क्रायोजेनिक इंजन को कई परीक्षणों से होकर गुजरना पड़ा, जिसके बाद उसे सर्टिफिकेट मिल गया है।

इसलिए जरूरी टेस्ट

CE20 इंजन का ग्राउंड क्वालिफिकेशन टेस्ट का अंतिम दौर 13 फरवरी को पूरा हुआ था। इसके तहत इस क्रायोजेनिक इंजन की मानव रेटिंग प्रक्रिया को सफल माना गया है। इसरो ने आज यह घोषणा की है। ये ग्राउंड क्वालिफिकेशन टेस्ट इसलिए जरूरी होता है ताकि इंजन ठीक से काम करेगा या नहीं? इंजन सुरक्षा के रूप में कैसा है और यह पूरी तरह तैयार है या नहीं? साथ ही जरूरी होता है यह प्रामाणित करना कि कड़े सुरक्षा और विश्वसनीयता के पॉइंट्स को यह पूरा करता है या नहीं?

सात चरणों से गुजरा टेस्ट

यह टेस्ट सात चरणों से गुजरा है, जिसके बाद सीई20 इंजन को सुरक्षित माना गया है। आखिरी टेस्ट वैक्यूम इग्निशन टेस्ट की सीरीज का सातवां टेस्ट था। वैक्यूम इग्निशन टेस्ट काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका सीधा जुड़ाव उस समय होता है जब एलवीएम3 लॉन्च व्हीकल उड़ान भर चुका होगा।

2024 गगनयान मिशन की तैयारियों का साल

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के चेयरमैन एस सोमनाथ ने नई साल की शुरुआत में ही कहा था कि 2024 गगनयान की तैयारियों का साल रहेगा। इसके साथ ही हम हेलीकॉप्टर से ड्रॉप टेस्ट भी करेंगे, जिसमें पैराशूट सिस्टम की जांच की जाएगी। इसी तरह के कई ड्रॉप टेस्ट किए जाएंगे। इनके अलावा कई वैल्यूएशन परीक्षण भी किए जाएंगे। साथ ही हम इस साल जीएसएलवी को भी लॉन्च करेंगे। इसरो चीफ ने कहा कि इस साल (2024) में हमने कम से कम 12 मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य तय किया है। हार्डवेयर की उपलब्धता के आधार पर ये संख्या बढ़ भी सकती है। 

क्या है गगनयान मिशन

बता दें कि गगनयान मिशन के तहत इसरो इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। इस मिशन के तहत तीन लोगों की टीम को अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस उतारा जाएगा। साल 2025 में इस मिशन को लॉन्च करने का लक्ष्य है। पहले यह मिशन साल 2022 में ही लॉन्च होना था लेकिन कोरोना महामारी और मिशन की जटिलताओं के चलते इसमें देरी हो गई। इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल रहा तो ऐसा करने वाला भारत, अमेरिका, चीन और सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन जाएगा। 



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