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24 घंटे के भीतर साबित करें आरोप, वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें, शुभेंदु की डीजीपी को चुनौती



अजय त्यागी [Input - amarujala.com] 2024-02-21 05:27:04 पश्चिम बंगाल

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी - Photo : amarujala
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी - Photo : amarujala

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहने के आरोप का मामला अब अदालत पहुंच चुका है। अपने ऊपर लगे आरोप पर अधिकारी ने एडीजी (पश्चिम बंगाल) को चुनौती दी कि वह अगले 24 घंटों के भीतर इस आरोप को साबित करें अन्यथा इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। 

अधिकारी ने दी एडीजी को चुनौती

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सिख पुलिस अधिकारी को खालीस्तानी कहने के आरोप को 24 घंटे के भीतर साबित करने के लिए एडीजी को चुनौती दी है। वरना वह इसका परणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाएं। पश्चिम बंगाल पुलिस जो कि ममता बनर्जी की एकमात्र बचाव दल है वह अब ढह रही है।

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को दक्षिण 24 परगना के संदेशखाली का दौरा करने से रोकने के लिए धामखाली में एक सिख आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया था। इस दौरान अधिकारी के साथ अग्निमित्र पॉल भी थे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे।

इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भाजपा पर भड़क गई। उन्होंने कहा कि उन्हें (भाजपा) लगता है कि पगड़ी पहनने वाले सभी सिख खालिस्तानी है। ममता ने एक्स पर विडियो शेयर करते हुए पोस्ट में कहा कि आज भाजपा कि विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से पार कर लिया है। भाजपा के अनुसार, सभी पगड़ी पहनने वाले व्यक्ति खालिस्तानी है। इस घटना की निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले पर उचित कार्रवाई करेंगी।

सिख आईपीएस अधिकारी का आरोप उसे खालिस्तानी कहकर पुकारा

संदेशखाली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह ने दावा किया कि शुभेंदु अधिकारी के साथ चल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें खालिस्तानी कहा। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को कहा कि मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं। आप मेरे धर्म को क्यों निशाना बना रहे हैं। पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहे जाने के विरोध में सिख समुदाय के लोगों ने कोलकाता में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय और आसनसोल में उसके कार्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया।

क्या है संदेशखाली विवाद

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित गांव संदेशखाली इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है। दरअसल गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे। इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ता भी संदेशखाली में प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है और बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में भी शाहजहां शेख आरोपी है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

कोलकाता में सिखों का प्रदर्शन

इस मामले को लेकर कोलकाता में सिख समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। सिखों का आरोप है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली का दौरा करने से रोकने पर धमखाली में तैनात एक सिख आईपीएस अधिकारी को भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर खालिस्तानी कहा। हालांकि भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को नकार दिया है। 

भाजपा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे: अधीर रंजन

वहीं, मामले को लेकर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बंगाल में भाजपा नेताओं ने एक पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर उसका अपमान किया है। मैं इसकी निंदा करता हूं। वे बंगाल की संस्कृति से अवगत नहीं हैं। हम भी संदेशखली जाना चाहते थे, लेकिन हमें रोक दिया गया। इसका मतलब यह नहीं है कि किसी भी अधिकारी को उसके धर्म के आधार पर निशाना बनाया जाना चाहिए। आईपीएस जसप्रीत सिंह इस तरह की भाषा से अपमानित महसूस कर रहे होंगे। कांग्रेस भी बंगाल पुलिस की आलोचना करती है, लेकिन हम ऐसी टिप्पणी नहीं करते। भाजपा को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

यह है पूरा मामला

वायरल हो रहे विडियो के अनुसार, आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को भाजपा कार्यकर्ताओं से यह कहते हुए सुना गया था कि सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? यदि कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी बन जाता है? आपको शर्म आनी चाहिए। मैं तो बस अपना काम कर रहा हूं। क्या मैंने आपके धर्म के बारे में कुछ कहा? आप मेरे धर्म के बारे में क्यों बोल रहे हैं?

इस पर शुभेंदु अधिकारी के साथ मौजूद भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे। साथ ही इस आरोप को खारिज कर दिया कि भाजपा समर्थकों ने उन्हें खालिस्तानी कहा। पॉल ने कहा कि वह सिर्फ एक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें न तो किसी ने गाली दी और न ही उनके लिए खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल किया गया। 

गौरतलब बात यह है कि जब मौके पर विडियो बन रहा था, तो उसमे भाजपा की तरफ से की गई तथाकथित टिप्पणी क्यों नहीं है? शेयर हो रहे विडियो में सिर्फ आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को भाजपा कार्यकर्ताओं पर यह आरोप लगाते ही देखा जा रहा है। इस से पहले का विडियो क्यों काट दिया गया? इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।


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