Fri, 20 September 2024 03:41:11am
1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान रहस्यमयी स्थितियों में डूबी पाकिस्तान की पनडुब्बी PNS Ghazi के अवशेष समंदर में मिले हैं। इनकी खोज भारतीय नौसेना (Indian Navy) के डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) ने की है। यह सबमरीन मिलन 2024 नौसैनिक अभ्यास के दौरान समंदर में रेस्क्यू ऑपरेशन दिखाने के लिए उतारी गई थी।
पाकिस्तानी नौसेना की हमलावर पनडुब्बी PNS Ghazi 1971 के युद्ध के दौरान विशाखापत्तनम के पास समंदर में रहमस्यमयी तरीके से डूब गई थी। इसमें सवार 93 पाकिस्तानी नौसैनिक मारे गए थे। इसके अलावा एक जापानी पनडुब्बी RO-110 भी इसी जगह के पास मिली है। इसे रॉयल इंडियन नेवी और ऑस्ट्रेलियन नौसेना ने वर्ल्ड वॉर-2 के समय पानी में डुबोया था। करीब 80 सालों से यह समंदर की तलहटी में पड़ी है।
2018 से पहले भारत के पास DSRV जैसी तकनीक नहीं थी, ताकि वो समंदर के अंदर ऐसे पुराने जहाजों और पनडुब्बियों के अवशेष खोज सकें। लेकिन अब नौसेना ऐसे दो सबमरीन चाहती है, ताकि दोनों तरफ के तटों के आसपास समंदर के अंदर खोजबीन की जा सके।
DSRV को युद्धपोत, व्यवसायिक जहाज, या एयरक्राफ्ट से कहीं भी ले जा सकते हैं। इसे जल्द से जल्द तैयार करके समंदर की गहराइयों में उतारा जा सकता है। गाजी और आरओ-110 पनडुब्बियों की खोज यह बताती है कि यह सबमरीन भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ा सकती है। यह समंदर के अंदर मौजूद इतिहास को खंगालने की ताकत देती है.
कुछ लोगों का मानना है कि इसे INS Rajput ने डुबोया था। जबकि पाकिस्तान का मानना है कि गाजी के अंदर विस्फोट हुआ था। वह विस्फोट भारतीय नौसेना द्वारा बिछाए गए समुद्री बारूदी सुरंगों से टकराने से हुआ था। ये सुरंगें इसलिए बिछाई गई थीं, ताकि विशाखापत्तनम पोर्ट की सुरक्षा हो सके।
DSRV जैसी तकनीक दुनिया के 12 देशों के पास है। जिसमें भारत, अमेरिका, रूस, चीन और सिंगापुर सबसे आगे हैं। 40 देशों के पास पनडुब्बियों की ताकत है लेकिन DSRV जैसी तकनीक बनाने के बाद भारत उनसे आगे निकल चुका है। क्योंकि यह पनडुब्बी रेस्क्यू ऑपरेशंस के लिए बनाया गया समुद्री यान है। यह 650 मीटर की गहराई तक जा सकती है।