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सिंडिकेट का पर्दाफाश! झांसा देकर भारतीयों को रूसी सेना में भर्ती करा युद्ध लड़ने को किया मजबूर



अजय त्यागी [Source - jagran] 2024-02-26 03:48:41 अंतरराष्ट्रीय

भारतीयों को लड़ने के लिए किया जा रहा मजबूर - Photo : jagran
भारतीयों को लड़ने के लिए किया जा रहा मजबूर - Photo : jagran

भारतीयों को झांसा देकर रूस ले जाया गया और उन्हें युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया गया। सुरक्षा सहायक पदों के लिए भर्ती करने की बात कहकर भारतीयों को यूक्रेन-रूस सीमा पर तैनात करने की धोखाधड़ी में चार भारतीय समेत पांच लोग मास्टरमाइंड हैं। वे सभी एजेंट इस समय रूस में हैं।

मिड-डे को मिली जानकारी के अनुसार, इन एजेंटों में राजस्थान के मोहम्मद मोइनुद्दीन, तमिलनाडु के रमेश कुमार, चंडीगढ़ निवासी खुशप्रीत, मदुरई तमिलनाडु के जोबी बेन्सम निजिल और नेपाल के संतोष शामिल हैं। भारतीय एजेंट फैसल खान पर इन सभी भारतीयों को रूस भेजने का आरोप है।

भारतीय एजेंट ने क्या कुछ कहा?

फैसल खान, जिसे बाबा ब्लाग्स के नाम से जाना जाता है, ने दावा किया कि मोइनुद्दीन ने भर्ती संबंधित विवरण भेजा। मैंने उसकी जानकारी पर भरोसा किया और भारत से उम्मीदवारों को भेजना शुरू किया। बाबा ब्लाग्स के मुताबिक, इन एजेंटों ने उनसे प्रति उम्मीदवार 2.5 लाख रुपये लिए, जिसे मोइनुद्दीन के खाते में ट्रांसफर किया गया था।

झांसा देकर युवाओं के साथ कर रहे खिलवाड़

सूत्रों ने कहा कि एजेंटों ने पैसे के लिए युवाओं के जीवन को खतरे में डाल दिया। उन्होंने अनुवादकों के साथ मिलीभगत कर उम्मीदवारों को सही जानकारी नहीं दी। सिंडिकेट के बारे में जानकारी देते हुए सूत्र का दावा है कि ये एजेंट इन उम्मीदवारों को रूसी सेना की वर्दी में अपनी तस्वीरें भेजते हैं ताकि उनका विश्वास हासिल किया जा सके कि वे पहले से ही रूसी सेना में हैं और वे बिना किसी समस्या के सेना में सहायक की नौकरी पा सकते हैं। उम्मीदवारों ने उन पर भरोसा किया।

सूत्रों ने मिड-डे के साथ समझौते की प्रति साझा की, जो फ्रेंच भाषा में है। इसके तहत भारतीयों से उन्हें रूस की तरफ से युद्ध लड़ने के सैन्य अनुबंध पर हस्ताक्षर करवाया गया। बाद में बताया गया कि उन्हें यूक्रेन से युद्ध लड़ना होगा। सूत्रों से यह भी पता चला है कि शुरुआत में इसी गिरोह ने नेपाल से कई लोगों को नौकरी पर रखा था। हालांकि, नेटवर्क पर नेपाल पुलिस की कार्रवाई के बाद उन्होंने भारतीयों को जाल में फंसाना शुरू कर दिया। श्रीलंका से भी लोगों को भर्ती किया जा रहा है।

यूक्रेनी सेना के ड्रोन हमले में भारतीय की मौत

यूक्रेनी सेना के ड्रोन हमले में पहली बार भारतीय की मौत हुई है। गुजरात के सूरत के 23 वर्षीय हेमिल मंगुकिया को सुरक्षा सहायक की नौकरी का झांसा दिया गया था, लेकिन उन्हें रूसी सेना में कमांडर के रूप में तैनात किया गया था। सूत्रों से पता चला कि हेमिल रूस-यूक्रेन सीमा के डोनेस्क क्षेत्र में थे, जहां बुधवार को ड्रोन हमला हुआ था। हमले में हेमिल को सिर पर कई चोटें आईं जिस कारण उनकी मौत हो गई। हेमिल के पिता ने कल शाम अपने वॉट्सएप स्टेटस पर उनकी मौत की खबर पोस्ट की।



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