Fri, 20 September 2024 03:43:16am
तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। टीएसपीसी के इनामी नक्सली संतोष गंझू ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी है। रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि संतोष गंझू 2013 से 2017 तक टीएसपीसी नक्सली संगठन के लिए काम कर रहा था। रांची के बूरमु और ओरमांझी इलाके में संतोष संगठन के लिए सक्रिय तरीके से काम कर रहा था।
झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर
वहीं आत्मसर्मपण करने के बाद नक्सली संतोष गंझू ने बताया कि कई वर्षों तक टीएसपीसी के लिए काम करने के बाद उसे लगा कि पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए, क्योंकि पुलिस लगातार कुर्की-जब्ती और अन्य कार्रवाई के माध्यम से दबाव बना रही थी। साथ ही झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उसने सरेंडर करने का निर्णय लिया। अपनी निति के चलते संतोष को एक लाख रुपए का चेक सोंपा गया।
गरीबी की वजह से युवा नक्सली संगठन ज्वाइन करते हैं
संतोष गंझू ने बताया कि संगठन के लिए कई बार गोलियां चलाई तो कई बार ठेकेदारों से पैसे की मांग को लेकर मारपीट की। उसने कहा कि नक्सल संगठन द्वारा युवाओं से सिर्फ गलत काम कराए जाते हैं और फिर उन्हें मौत के मुंह में धकेल दिया जाता है। ऐसे में युवा या तो पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं या मारे जाते हैं। आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सली संतोष गंझू ने बताया कि गरीबी की वजह से युवा नक्सली संगठन ज्वाइन करते हैं, लेकिन पुलिस की आत्मसमर्पण नीति भटके हुए युवाओं को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का काम कर रही है।
वहीं रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस की दबिश और आत्मसमर्पण नीति के लिए चलाए जा रहे प्रचार-प्रसार अभियान की वजह से संतोष गंझू जैसे हार्डकोर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अन्य कई नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे।
एक माओवादी भी चढ़ा पुलिस के हत्थे
रांची एसएसपी ने बताया कि संतोष गंझू के अलावा पुलिस ने एक और अन्य 50000 के ईनामी माओवादी को गिरफ्तार किया है, जो वर्ष 2019 में हुई एक मुठभेड़ में पांच पुलिस वालों को मौत के घाट उतारने वाले दस्ते का सदस्य रह चुका है। एनआईए की टीम माओवादी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वर्ष 2019 में वह जेल जा चुका है, लेकिन बेल पर बाहर निकलने के बाद फिर से नक्सली दस्ते में शामिल होकर विभिन्न वारदातों को अंजाम दे रहा था। तमाड़ पुलिस, एसएसबी और सीआरपीएफ के जवानों ने गुप्त सूचना पर माओवादी को गिरफ्तार कर लिया।