Fri, 20 September 2024 03:39:10am
जम्मू और कश्मीर में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने हाल ही में श्रीनगर में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी को गलत वाहन के खिलाफ ट्रैफिक नियम के उल्लंघन का हवाला देते हुए ई-चालान जारी करने के लिए मुआवजे के रूप में ₹ 1,000 का भुगतान करने का आदेश दिया [ सुहैल मंजूर भट बनाम एसएसपी ट्रैफिक पुलिस सिटी श्रीनगर ]।
दरअसल, एक स्कूटी चालक को हेलमेट नहीं पहने पाए जाने के बाद चालान काटा गया, जिसमें ₹1,000 का जुर्माना लगाया गया। हालाँकि, समान नंबर प्लेट वाली एक अन्य स्कूटी गाड़ी के खिलाफ चालान गलत तरीके से जारी किया गया था।
जिस स्कूटी मालिक का चालान गलत तरीके से काटा गया था, उसने ट्रैफिक टिकट का विरोध किया। उन्होंने उक्त ई-चालान को खारिज करने की प्रार्थना की और कहा कि यातायात विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और गलतियों के कारण उन्होंने उक्त चालान का विरोध करने में समय और पैसा बर्बाद किया है।
सुहैल मंजूर भट बनाम एसएसपी ट्रैफिक पुलिस सिटी श्रीनगर मामले पर निर्णय लेने के लिए, श्रीनगर में विशेष मोबाइल मजिस्ट्रेट (यातायात) अदालत के न्यायाधीश मुदस्सर फारूक ने चालान जारी करने वाले यातायात पुलिसकर्मी को बुलाया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा।
पंथा चौक पर तैनात संबंधित चालान अधिकारी शाह नवाज़ ने स्वीकार किया कि गलती हुई है और उन्होंने अनजाने में गलत स्कूटी का चालान कर दिया है।
अदालत ने इसे अपने आदेश में दर्ज किया और फिर चुनौती के तहत चालान को रद्द करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अधिकारियों को ट्रैफिक नियमों का वास्तविक उल्लंघन करने वाले को ई-चालान जारी करने का भी आदेश दिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तत्काल ई-चालान (गलत वाहन के खिलाफ जारी) को परिवहन पोर्टल से हटाया/रद्द किया जाए और एसएसपी ट्रैफिक सिटी श्रीनगर को वास्तविक उल्लंघनकर्ता के खिलाफ ई-चालान करने का निर्देश दिया जाए। साथ ही मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न और वकील की फीस, 1000 रुपये की क्षतिपूर्ति/मुआवजा आवेदक को भुगतान किया जाएगा और इसका भुगतान संबंधित एसओ अर्थात् शाह नवाज, इंस्पेक्टर द्वारा किया जाएगा।
अदालत ने श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), यातायात को निर्देश दिया कि वह चालान करने वाले अधिकारी से एक हलफनामा प्राप्त करें जिसमें यह आश्वासन दिया जाए कि वह (चालान करने वाला अधिकारी) भविष्य में ई-चालान जारी करते समय सतर्क और सावधान रहेगा।
इस मामले पर कोर्ट को यह टिप्पणी भी करनी पड़ी कि ई-चालान प्रणाली ठीक से संचालित नहीं हो रही है। न्यायालय ने श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), यातायात को ई-चालान प्रणाली से निपटने वाले यातायात अधिकारियों को संवेदनशील बनाने का निर्देश दिया ताकि भविष्य में निर्दोष व्यक्तियों को ऐसी कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर न होना पड़े।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि या तो सिस्टम का प्रबंधन करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी ई-चालान प्रणाली को संचालित करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हैं या ट्रैफिक पुलिस ई-चालान की शुरुआत के समय उचित देखभाल और सावधानी नहीं बरत रहे हैं।
आवेदक की ओर से वकील तवासीफ मंजूर भट ने मामले की पैरवी की।