Fri, 20 September 2024 02:58:27am
नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के सीएम पद की शपथ ली। शपथ लेने से पहले नायब सिंह सैनी ने मनोहर लाल खट्टर का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। दिलचस्प बात ये रही कि जेजेपी के भी चार विधायक देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह, जोगीराम और राम निवास शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं, अनिल विज इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बने। उन्होंने पार्टी आलाकमान से साफ कह दिया है कि वो अपने जूनियर के साथ काम नहीं कर सकते हैं।
नायब सिंह सैनी को मंगलवार (12 मार्च) को विधायक दल का नेता चुना गया। बाद में उन्होंने राज्यपाल से मुलाकत कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। बीजेपी ने मंगलवार को हरियाणा में अपने फैसले से सबको चौंका दिया। मनोहर लाल खट्टर सहित सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। इस तरह से राज्य में जेजेपी के साथ बीजेपी का गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले टूट गया।
कैसे हुआ बदलाव?
दरअसल, हरियाणा में बदलाव की बात एक हफ्ते पहले ही शुरू हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक हुई। उस बैठक में हरियाणा के सियासी हालात पर चर्चा हुई। उस बैठक में एक रिपोर्ट पेश की गई जिसमें ये बताया गया कि हरियाणा का जाट समुदाय मनोहर लाल खट्टर के साथ नहीं है। रिपोर्ट के जरिए कहा गया कि अगर मनोहर लाल खट्टर आगे भी पद पर रहते हैं तो ये मुमकिन है कि जाट वोटर्स एकजुट हो जाएं और कांग्रेस के पक्ष में चले जाएं। ऐसे में पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ सकता है। इसी रिपोर्ट के बाद से रणनीति बननी शुरू हुई और आखिर में मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा हो गया।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की देर शाम अर्जुन मुंडा और तरुण चुग से कहा गया कि आपको चंडीगढ़ जाना है। वहां विधायक दल की बैठक है। विधायक दल की बैठक में जब वो पहुंचते हैं तो उनसे कहा गया कि मुख्यमंत्री नया चुना जाएगा।
कौन हैं नायब सिंह सैनी?
पिछले लोकसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद चुने गए थे। हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष हैं। ओबीसी समाज से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें मनोहर लाल खट्टर का बेहद करीबी माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, मनोहर लाल खट्टर की समहति से ही नायब सिंह सैनी का नाम तय किया गया है।