Fri, 20 September 2024 03:29:01am
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के सारंगपुर क्षेत्र का एक गांव लगभग 5 वर्ष से अधिक समय से शहरी क्षेत्र से नजदीक होने के कारण ग्राम पंचायत से हटाकर नगरपालिका में शामिल किया गया है। लेकिन, गांव में सिर्फ ग्राम पंचायत की जगह नगरपालिका का नाम ही बदला है। इसके हालात जस के तस है। गांव के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खिया बटोर रहे हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि ग्रामीणों ने कुएं में पानी की सैकड़ों मोटर उतारकर स्वयं की नल जल योजना शुरू की है, जिससे वे अपने मकानों तक पानी पहुंचा रहे है।
दरअसल, यह पूरा मामला लगभग 700 से ज्यादा आबादी वाले सारंगपुर के राधा नगर इलाके का है, जहां सरकार की नल जल योजना का फायदा ग्रामीणों को अभी तक नहीं मिला है। यह सारंगपुर नगर के वार्ड क्रमांक 18 में कई साल से शामिल हैं। पहले ये हिस्सा स्वतंत्र गांव के रूप में आबाद था, लेकिन 2015 में इसे सारंगपुर नगर पालिका में शामिल कर लिया गया था।
2015 के पहले ग्रामीण क्षेत्र होने से यहां के हर घर में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना उपलब्ध करवाई जानी थी, लेकिन नगरीय सीमा में शामिल होने के बाद मिशन ने इस गांव को कार्ययोजना से अलग कर दिया। ऐसे में बड़ी जिम्मेदारी नगर पालिका की थी कि वह इस गांव में पेयजल मुहैया कराए।
लेकिन, ऐसा नहीं हो सका, ऐसे में ग्रामीणों को ही अपनी स्वयं की नल जल योजना बनानी पड़ी, जिसमें ग्रामीणों ने गांव के ही सार्वजनिक कुएं में, बड़ी संख्या में मोटर पंप लगा रखे हैं और बांस बल्लियों के सहारे अपने-अपने घरों तक पानी के पाइप भी बिछा लिए हैं, जिसके जरिए वे पानी की जरूरत को पूरा कर रहे हैं। इससे गांव में बिजली के तारों के अलावा पानी के पाइपों का भी जाल फैला हुआ है। ये पाइप कहीं गलियों तो कही छत के ऊपर से गुजर रहे हैं।
इस गांव के अलावा गोपालपुर और जयनगर की बात करें तो यहां के भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। यहां के लोग भी सारंगपुर नगरीय सीमा में आते हैं, लेकिन नगर पालिका द्वारा नल जल योजना का फायदा रहवासियों को नहीं मिल रहा है। ऐसे में राधा नगर की तरह यहां के रहवासी भी पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं।