Fri, 20 September 2024 03:06:53am
झारखंड की राजधानी रांची में बैठ कर विदेशी नागरिकों को इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का CID ने खुलासा किया है। द न्यूज़ पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में देर शाम रांची के किशोरगंज स्तिथ BN हाइट्स में सीआईडी और आई4सी की टीम ने छापेमारी की कार्यवाही को अंजाम दिया। छापेमारी में कई लैपटॉप और कंप्यूटर से विदेशी नागरिकों का डेटा बरामद किया है। छापेमारी की यह कार्यवाही पूरी रात चली।
रिपोर्ट के मुताबिक सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने इस गिरोह का खुलासा किया है। डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि सीआईडी को यह शिकायत मिली थी कि रांची के किशोरगंज चौक स्थित बीएम हाइट के एक कार्यालय से विदेशी नागरिकों को फोन कर इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम पर धमका कर पैसों की ठगी की जा रही है। जिसके बाद सीआईडी की टीम ने की आई4सी टीम के साथ मिलकर सोमवार की देर रात बीएम हाइट में चल रहे कॉल सेंटर में छापेमारी की।
आज युवक-युवतियों से होगी पूछताछ
रिपोर्ट के मुताबिक सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार पूरी रात छापेमारी करती रही। सीआईडी और आई4सी के साइबर एक्सपर्ट कॉल सेंटर में मौजूद 40 से ज्यादा कंप्यूटर को जब्त कर उसकी जांच कर रहे हैं। इस मामले में अभी और खुलासा होना बाकी है। जब्त किए गए सिस्टम की जांच की जा रही है। कॉल सेंटर के नाम पर चल रहे इस फर्जीवाडे को अंजाम देने के लिए संचालकों ने 30 आईटी एक्सपर्ट को जॉब पर रखा था। कॉल सेंटर में दो शिफ्टों में काम चलता था। कॉल सेंटर में काम करने वाले सभी युवक युवतियों से सीआईडी की टीम आज पूछताछ करेगी।
कैसे होती थी ठगी
रिपोर्ट के मुताबिक सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि एकरामुल अंसारी और रविकांत नाम के दो व्यक्तियों के द्वारा रिकी कंसलटेंसी सर्विसेज, जीजी इन्फोटेक और आरोग्य ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। इससे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को इंटरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर से कॉल किया जाता। जिसमें उन्हें बताया जाता कि वह इंटेलिजेंस एजेंसी से बोल रहे हैं। यह गिरोह विदेश के लोगों को ईमेल रिमोट डेस्कटॉप एप्लीकेशन का प्रयोग कर ठगी कर रहे थे। जांच के दौरान कंप्यूटर से कई विदेशी नागरिकों का निजी डेटा भी पाया गया है। अधिकतर यह गेंग UK और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को शिकार बना कर ठगी किया करता था। पहले एक्सटॉर्शन का मेल भेज कर उसके साथ फोन पर बात कर उनके कंप्यूटर को रिमोट कंट्रोल एक्सेस में लेकर उनके सभी डेटा को अपने कंप्यूटर में ट्रांसफर करता था।