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बेटे ने दी केजरीवाल के खिलाफ गवाही, पिता को मिला एनडीए से टिकट



अजय त्यागी [Input - abplive.com] 2024-03-30 03:45:30 आंध्र प्रदेश

मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी और राघव मगुंता रेड्डी ( Image Source :X/Raghava_Magunta_Reddy )
मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी और राघव मगुंता रेड्डी ( Image Source :X/Raghava_Magunta_Reddy )

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एनडीए गठबंधन में शामिल टीडीपी ने ओंगोल सीट से मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी को टिकट दिया है। मगुंता के बेटे राघव मगुंता रेड्डी दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी थे। हालांकि, बाद में वह सरकारी गवाह बन गए और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी में राघव का बयान अहम था। मगुंता और राघव पहले वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे, लेकिन बाद में ये दोनों टीडीपी में शामिल हुए और लगातार प्रचार में जुटे हुए थे।

ओंगोल से 4 बार सांसद रह चुके मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी इस बार अपने बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। माना जाता है कि दिल्ली शराब नीति मामले में राघव का नाम होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला। आंध्र प्रदेश में तेलगू देशम पार्टी, जन सेना पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं। यहां लोकसभा के साथ राज्यसभा चुनाव भी हो रहे हैं। दोनों चुनाव के लिए पूरे राज्य में 13 मई को मतदान होना है।

केजरीवाल ने कोर्ट में किया जिक्र

गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि फरवरी 2023 में राघव की गिरफ्तारी के बाद मगुंता ने दबाव में उनके खिलाफ बयान दिया था। अक्टूबर 2023 में राघव सरकारी गवाह बन गए और उन्हें जमानत मिल गई थी। ओंगोल में मगुंता परिवार का दबदबा क्षेत्र में टीडीपी की जमीन तैयार करने में अहम भूमिका निभा सकता है। मगुंता परिवार लगभग 7 दशक से शराब करोबार में शामिल है। इस परिवार के पास बालाजी डिस्टेलिरीज और 2 अन्य कंपनियां हैं।

कांग्रेस से भी है नाता

मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी 18वीं लोकसभा के लिए टीडीपी उम्मीदवार हैं। वह 12वीं, 14वीं और 15वीं लोकसभा में भी सांसद रह चुके हैं। इस समय में वह कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे। उन्होंने 2014 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद वह टीडीपी में शामिल हो गए। हालांकि, उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 17वीं लोकसभा में वह वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। उन्होंने 2019 में टीडीपी उम्मीदवार को 2.14 लाख वोट से हराया था।



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