Sun, 29 December 2024 11:11:32pm
लोकतंत्र के पर्व चुनाव में आज पूरा देश मशगूल है। इसमें हर मतदाता मतदान कर सके और यह पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण रूप से हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। इसी बीच चुनाव मैदान में कूदे नेताओं से लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी एडी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। शहर हो या घर, संस्थान हो या खेत हर एक मतदाता तक पहुंचने की रणनीति के साथ-साथ प्रयास भी किए जा रहे हैं।
आज हम बता रहे हैं ऐसे मतदाताओ के बारे में जिन तक पहुंचा ही नहीं जा सकता। ये दिवंगत हो चुके हैं। यहां तक कि अनेक ऐसे मतदाताओं को इस दुनिया से गुजरे कई वर्ष बीत चुके हैं लेकिन वे शतायु मतदाता सूची में आज भी जिंदा है।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार गांव मिर्जापुर, बगथला में शतायु मतदाताओं की पड़ताल की गई तो अधिकतर मतदाता दिवंगत मिले, वहीं नरकातारी सहित कई अन्य क्षेत्र में जो जीवित मिले तो उनमें कई मतदाता 100 साल तक अभी पहुंचे ही नहीं हैं।
106 साल के भजनलाल का 97 साल में हो चुका निधन : वजीर चंद
रिपोर्ट के अनुसार मतदाता सूची में मिर्जापुर के भजनलाल को 106 साल का मतदाता दर्शाया गया है। उनके 67 वर्षीय बेटे वजीर चंद पहलवान बताते हैं कि भजनलाल उनके पिता थे। उनका निधन करीब 97 साल की आयु में ही कई साल पहले हो चुका है वहीं गांव के रहने वाले गुलजार सिंह ने बताया कि 101 साल के मतदाता रामस्वरूप का निधन करीब आठ साल पहले हो चुका है।
10 साल पहले हो चुका प्रकाश कौर का निधन : गुरमीत
रिपोर्ट के अनुसार बगथला गांव की प्रकाश कौर को 103 साल की मतदाता दर्शाया गया। घर पर मिले पुत्र गुरमीत सिंह बताते हैं कि उनकी माता प्रकाश कौर का निधन 10 साल पहले 2014 में हो गया था। यही नहीं सूची में थानेसर विधान सभा में सबसे अधिक उम्र 115 साल के दर्ज इसी गांव के बाल सिंह का भी कई साल पहले निधन हो चुका है। हालांकि उनके परिजन नहीं मिले, लेकिन सामने रहने वाले गुरमीत सिंह ने यह पुष्टि की। यही नहीं गांव के सरपंच व चौकीदार की माने तो 100 साल से ज्यादा आयु के 12 में से महज दो या तीन ही इस समय जीवित होंगे।
84 साल की मिली शांति देवी, चंचल सिंह बोले, 100 साल के नहीं हुए
रिपोर्ट के अनुसार नरकातारी गांव के चंचल सिंह को सूची में 103 साल का मतदाता बताया गया जबकि उनसे संपर्क किया तो उन्होंने अपने दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने खुद भी माना कि वे अपनी आयु सही नहीं बता सकते लेकिन देश के बंटवारे के दौरान वह आठ साल के ही थे। ऐसे में अभी 100 साल आयु होने में कई साल बाकी हैं। उनकी इतनी आयु कैसे दिखाई गई वे समझ नहीं पाए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इसी गांव की शांति देवी को 101 साल की मतदाता बताया गया जबकि उनके घर पर मिले पौत्र अंकुर ने बताया कि बुजुर्ग अवस्था के चलते वे बात नहीं कर सकती, लेकिन उनकी आयु अभी करीब 84 साल ही है। वे नहीं बता सकते हैं कि सूची में इतनी आयु कैसे दर्ज की गई। उधर गांव दबखेड़ी की बलौची देवी को भी 109 साल की मतदाता बताया गया जबकि गांव के सरपंच ओमप्रकाश का कहना है कि वे उनकी दादी थी। उनका सही नाम बलोचनी देवी था और एक साल से भी ज्यादा समय पहले दिवंगत हो चुकी है।
मतदाता सूची के अनुसार थानेसर विधान सभा में शतायु मतदाता
रिपोर्ट के अनुसार हंसाला में तीन, मलकपुर में दो, बहादुरपुरा में चार, डोडाखेड़ी में तीन, खेड़ी मारकंडा, भवानी खेड़ा व दबखेड़ी में एक-एक, बगथला में 12, समस्पुर में दो, मुंडाखेड़ा में एक, जौसर में 12, बाहरी में तीन, ज्योतिनगर में एक, लायलपुर बस्ती में एक, मोहन नगर में दो, खेड़ी ब्राह्मण में एक, मिर्जापुर में पांच, नरकातारी में दो, कैंथला खुर्द में एक, फतुहपुर में एक, बारना में दो, पिंडारसी में एक, घराड़सी में तीन, किरमिच में एक, कंवारखेड़ी में एक, तिगरी खालसा में एक, अमीन में तीन, थानेसर में 83 शतायु मतदाता दर्ज है।
विधानसभा बार शतायु मतदाता
थानेसर- 154
पिहोवा- 233
लाडवा--127
शाहाबाद--152
एएसडी सूची से हटाए जाएंगे ऐसे मतदाताओं के नाम : उपायुक्त
रिपोर्ट के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा का कहना है कि किसी स्तर पर एक-दो गांव के ऐसे कुछ मतदाताओं को सूची से हटाया जाना रह गया, लेकिन अब अनुपस्थित, शिफ्ट हुए व मृतक मतदाताओं की सूची से इन्हें हटा दिया जाएगा। उधर, निर्वाचन तहसीलदार सरला का कहना है कि बीएलओ स्तर पर कहीं कोई खामी रह गई है तो उसे दुरुस्त कराया जाएगा।