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झारखंड पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता, 15 नक्सलियों का आत्मसमर्पण



अजय त्यागी 2024-04-12 03:16:08 झारखंड

15 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
15 नक्सलियों का आत्मसमर्पण

झारखंड के चाईबासा से एक अच्छी खबर सामने आई है। लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों पर लगाम कसने की दिशा में वहां की पुलिस और सीआरपीएफ ने अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हासिल की है। पूरे देश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच एक नाबालिग नक्सली और 15 कुख्यात नक्सलियों ने मुख्यधारा से जुड़कर एक साथ चाईबासा पुलिस लाइन के सामने सरेंडर किया।

डीआईजी मनोज रतन चौथे के सामने इन नक्सलियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का कहना है कि एक करोड़ के इनामी नक्सली पतीराम माझी और मिसिर बेसरा के शोषण से से वो लोग लंबे समय से परेशान हैं। इस बीच जिला प्रशासन द्वारा मुख्य धारा में जुड़ने के लिए चलाए गए अभियान ने सभी को प्रभावित किया। यही वजह है कि हम लोगों ने नक्सलियों के खूनी रास्तों से अब किनारा कर लिया है।

2022 से लगातार जारी है नक्सल विरोधी अभियान

साल 2022 से चाईबासा में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। साल 2022 से अब तक कुल 161 नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। साल 2022 और 2023 में कुल 11 नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया। इनके पास से भारी मात्रा में कुल 375 विस्फोटक हथियार कारतूस और अन्य दैनिक उपयोग के सामान बरामद किए गए। साथ ही नक्सलियों का स्थाई कैंप आईआरबी मुख्यालय, 8 से 10 अस्थाई कैंप और 15 बंकर ध्वस्त भी किए गए हैं। चाईबासा में उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उग्रवाद थाना क्षेत्र में आम जन के मन में उपदेश सुरक्षा भाव को बनाए रखने के लिए 16 नए सुरक्षा कैंपों का निर्माण भी करवाया गया है।

सरायकेला खरसावां ट्राई जंक्शन नक्सलियों से मुक्त

चाईबासा जिले के लिए सरायकेला खरसावां ट्राई जंक्शन क्षेत्र को इस अभियान के तहत नक्सलियों से पूर्व में ही मुक्त करवा दिया गया है, जिसके बाद पिछले 2 साल से कोल्हान के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। जिसमे बूढ़ा पहाड़, बुलबुल जंगल, खूंटी और चाइबासा के खतरनाक जंगली क्षेत्र शामिल हैं।

फिलहाल, पुलिस और सुरक्षा बलों का मुख्य फोकस सारंडा क्षेत्र पर है। इसमें सभी बड़े नक्सली सिमटे हुए हैं। कई महीनों से उनकी घेराबंदी जारी है। झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की बदौलत नक्सलियों के प्रभाव वाले दर्जनों गांव उनसे मुक्त कर लिए गए हैं। हालांकि, इस अभियान में सुरक्षा बलों को काफी नुकसान हुआ है।

आत्म समर्पण करने वाले 15 कुख्यात नक्सली  

1 प्रधान कोड़ा के जिसके खिलाफ आठ मुक़दमे  2 चंद्रोमोहन जिसके खिलाफ सात, 3 पगला गोप जिसके खिलाफ पांच, 4 विजय बोयपाई के खिलाफ चार, 5 गंगा राम पूर्ति के खिलाफ तीन, 6 बोयो कोड़ा के खिलाफ दो, 7 जोगेन कोड़ा के खिलाफ दो,  8 पेलोंग कोड़ा के खिलाफ दो,  9 रामजा पूर्ति के खिलाफ दो, 10 सोहन सिंह के खिलाफ एक, 11 सुशील डोरेन चंपिया के खिलाफ एक, 12 सोनू चंपिया के खिलाफ एक, 13 मनी चंपिया के खिलाफ एक, 14 मोगा चंपिया के खिलाफ एक और 15 एक नाबालिग नक्सली के खिलाफ एक मामले दर्ज हैं।

पातीराम मांझी और मिसिर बेसरा के शोषण थे परेशान

एक करोड़ के इनामी नक्सली पातीराम मांझी और मिसिर बेसरा लगातार अपने जाति में मौजूद नक्सलियों का भरपूर शोषण करते रह हैं। जिसके चलते 15 नक्सली उनसे लंबे समय से नाराज चल रहे थे। अब इन्होंने मुख्यधारा में वापस लौटने का निर्णय लिया और गुरुवार को चाईबासा पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सभी नक्सलियों ने डीआईजी मनोज रतन चौथे, डीसी कुलदीप चौधरी और एसपी आशुतोष शेखर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वाले 14 नक्सलियों का आपराधिक इतिहास रहा है। इनके खिलाफ चाईबासा जिले के अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं।



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