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चैती छठ का पहला अर्घ्य आज, घाटों पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब



अजय त्यागी 2024-04-14 03:57:14 आध्यात्मिक

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet

लोकआस्था के महापर्व चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। चार दिवसीय महापर्व के दूसरे दिन शनिवार(13 अप्रैल) की शाम व्रतियों ने अपने-अपने घरों में खरना पूजा किया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो गया। आज शाम डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा।

सजकर तैयार छठ घाट

भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाट सजकर तैयार हो गए हैं। तमाम छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। लिहाजा छठ घाटों पर साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। छठ घाट जाने वाले रास्तों को भी खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। 

बाजारों में चहल-पहल

पूजन सामग्रियों व फल-फूल की खरीदारी को लेकर बाजारों में काफी चहल-पहल है। खासकर मेन रोड में सजी अस्थाई दुकानों पर खरीदारी के लिए बेहद भीड़ देखने को मिली। अनेक स्थानों पर सड़क के बीचो बीच भी दुकानें सजाई गई हैं। 

सुरक्षा के होंगे कड़े इंतजाम 

छठ घाटों पर सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किया गया है। जहाँ एक ओर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। तो वहीं, सादे लिबास में भी जवानों को तैनात किया गया है। जो हर प्रकार की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे। महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।

रिवर पेट्रोलिंग टीम तैनात

पटना में आयुक्त रवि कुमार ने बताया कि घाटों के पास और सम्पर्क पथ में सभी व्यवस्था की गई है। घाटों पर नियंत्रण कक्ष कार्यरत हैं। ध्वनि-विस्तारक यंत्र और सीसीटीवी कैमरा से मॉनिटरिंग की जाएगी। घाटों पर उत्कृष्ट सफाई एवं प्रकाश-व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रिवर पेट्रोलिंग टीम भी तैनात है। विधि-व्यवस्था के मद्देनजर 76 स्थान पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही 132 दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है।

द्वापरकालीन सूर्य मंदिर में उमड़ी भीड़ 

वहीं, नवादा के नारदीगंज के हंडिया स्थित द्वापरकालीन सूर्यमंदिर परिसर में व्रतियों व श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। छठ गीतों से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है। कहा जाता है कि इस सूर्य मंदिर में छठ करने से सभी मनोवांछित मुरादें पूर्ण होती है। इसी कारण यहां पर छठ करने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा ग्रामीण आगुंतक छठव्रितयों की सुविधा के लिए विशेष ध्यान रखा जाता है।

चार दिवसीय पर्व का आज तीसरा दिन

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। चार दिवसीय पर्व का आज तीसरा दिन है। पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और दूसरे दिन होता है खरना। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि चौथे दिन सुबह में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है। पहला चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक माह में पड़ने वाला छठ। कार्तिक माह में आने वाले छठ पर्व का महत्व अधिक बताया जाता है। 



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