Fri, 20 September 2024 02:59:47am
चंडीगढ़ पुलिस के पीओ एंड समन स्टाफ सेल को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 35 साल पुराने हत्या के एक मामले में फरार आरोपी अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) निवासी आनंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उसने 18 नवंबर 1989 को 11 साल के एक बच्चे का पहले अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी। आरोपी कभी पुलिस के हाथ नहीं आया था।
चंडीगढ़ पुलिस की टीम भी आरोपी को पकड़ने के लिए बनी साधु
वह पिछले कई सालों से यूपी के जंगलों में साधु बनकर छिपा हुआ था। चंडीगढ़ पुलिस की टीम ने भी साधु का चोला ओढ़कर आरोपित को दबोच लिया। दरअसल उसे पकड़ने के लिए पीओ सेल की टीम के सदस्य खुद साधु बनकर कई महीनों तक जंगल में भटकते रहे। आखिर में आरोपी उन्हें कासगंज के जंगल में मिल गया। जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
35 साल पहले आरोपित वारदात को अंजाम हुआ था फरार
फिलहाल पुलिस टीम उसे चंडीगढ़ ले आई है। यहां अब उसके खिलाफ लूट, अपहरण व हत्या का मुकदमा चलेगा। गौरतलब है कि, 35 साल पहले आरोपी वारदात को अंजाम देकर अपने गांव अलीगढ़ की अतरौली तहसील स्थित गांव हरनपुर कलां भाग गया था। वह काफी चालाक था। उसने अपना कोई एक ठिकाना नहीं बनाया।
उसने पहले दो महीने ताले बनाने की फैक्ट्री में काम किया। फिर वह पानीपत, हरियाणा आ गया। जहां उसने सात साल तक तक फल-सब्जी बेचने का काम किया। फिर वह झारखंड भाग गया और वहां उसने अपना हुलिया बदल लिया। वहां वह साधु बनकर रहने लगा लेकिन वह एक ठिकाने पर दो महीने से ज्यादा नहीं रहता था। फिलहाल वह यूपी में रह रहा था।
जिसके बारे में चंडीगढ़ पुलिस को सूचना मिल गई। लेकिन ठिकाने की तलाश में पुलिस ने नौ महीनों तक उसका पीछा किया। पुलिसकर्मी खुद साधु का चोला पहनकर उसे ढूंढते रहे। आखिर में पता चला कि वह कासगंज के आश्रम में छिपा है। जहां से पुलिस ने उसे दबोच लिया।
बता दें कि, पुलिस ने कैंबवाला निवासी विद्यावति की शिकायत पर केस दर्ज किया था। उसने पुलिस को बताया था कि वह अपने बेटे के साथ मनीमाजरा से कैंबवाला जा रही थी। रास्ते में तीन लोगों ने उसे घेर लिया और उसके गहने छीनने लगे। उसने जब विरोध किया तो एक आरोपित ने उस पर चाकू से हमला किया। वह बुरी तरह जख्मी हो गई। आरोपित उसके बेटे का अपहरण कर फरार हो गए। बाद में उन्होंने उसकी हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने आनंद कुमार और अन्य आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में बाकी आरोपी तो पकड़े गए थे, लेकिन आनंद फरार हो गया था।