Fri, 20 September 2024 03:33:51am
नौकरी करने या नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में एमबीए करने का चलन बढ़ गया है। युवाओं की इसी आवश्यकता का लाभ उठाते हुए कई ऐसे शिक्षण संस्थान भी एमबीए कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिनके पास बुनियादी सुविधाएं और उचित प्रशिक्षित स्टाफ तक नहीं हैं। साथ ही उनके पास ऑनलाइन डिग्री प्रदान करने की अनुमति भी नहीं है। कई संस्थान छात्रों को बिना कक्षा लिए ऑनलाइन माध्यम से ही ऐसी डिग्री देने का वादा भी कर रहे हैं। ऐसे कई शिक्षण संस्थान छह महीने तो कोई दस दिन में ही एमबीए कोर्स कराने का दावा कर रहे हैं। इसके बदले वे छात्रों से भारी भरकम फीस भी वसूल रहे हैं।
यूजीसी ने छात्रों को ऐसे शिक्षण संस्थानों के चक्कर में पड़ने से सावधान किया है और कहा है कि छात्र ऐसे किसी संस्थान में प्रवेश न लें। वहीं, यूजीसी ने ऐसी संस्थाओं को भी एमबीए की शिक्षा देने से पहले एआईसीटीई से आवश्यक अनुमति लेने के लिए कहा है। जानकारी के अनुसार एआईसीटीई ने अब तक ऐसे किसी भी संस्थान को तत्काल एमबीए कराने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान नहीं की है।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन डिग्री देने के लिए भी संस्थाओं को उचित अनुमति लेने की आवश्यकता होती है। इसके बिना कोई संस्थान एमबीए जैसी उच्च शिक्षा की डिग्री नहीं दे सकता। नियमों के अनुसार ऑनलाइन शिक्षण की सुविधा देने वाली संस्थाओं को भी कुछ मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। छात्रों को उचित शिक्षण सामग्री और टेस्ट की उचित व्यवस्था करनी होती है। आवश्यक अनुमति में इन सभी नियमों का उल्लेख होता है जिसे पूरा करना संस्थाओं के लिए अनिवार्य होता है।
यूजीसी ने जारी की थी सूची
छात्रों को फर्जी संस्थानों के जाल से बचाने के लिए यूजीसी ने एक सूची भी जारी की है। इसमें केवल उन्हीं संस्थाओं के नाम शामिल हैं, जिन्हें उच्च शिक्षा देने के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान की गई है। छात्रों को किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले इस सूची में उसकी विश्वसनीयता अवश्य जांच कर लेनी चाहिए। इस सूची को यूजीसी की वेबसाइट (www.ugc.ac.in) पर देखा जा सकता है।