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भोपाल एम्स का चमत्कार: अंडमान से आये 90 साल के बुजुर्ग को दिया नया जीवन, रेक्टल कैंसर का हुआ सफल इलाज



अजय त्यागी 2024-04-30 04:17:26 मध्य प्रदेश

सफल इलाज से संतुष्ट मरीज और परिजन - Photo : Etv Bharat
सफल इलाज से संतुष्ट मरीज और परिजन - Photo : Etv Bharat

अंडमान से भोपाल आए एक 90 वर्षीय मरीज को रेक्टल कैंसर की समस्या थी। जिससे उन्हें अपच और मल त्यागने में परेशानी हो रही थी। इसका इलाज उनके परिजन देश के बड़े अस्पतालों में करा चुके थे। इसके बावजूद आराम नहीं मिल रहा था। फिर उनके परिजन उन्हें एम्स भोपाल लेकर आए, जहां डाक्टरों ने रेक्टल कैंसर का सफल इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया।

छह महीने से थी मरीज को गंभीर बीमारी

ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार मरीज को पिछले 6 महीने से कब्ज और अनियमित मल त्याग की समस्या थी। अंडमान में समुचित इलाज न मिलने पर मरीज ने चेन्नई के अस्पतालों में कई चक्कर काटे। एक जांच में पता चला कि मरीज की बड़ी आंत के आखिरी हिस्से में कैंसर हो गया है। कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही मरीज के होश फाख्ता हो गए। परिजनों ने डॉक्टरों से सलाह ली तो उन्होंने रोगी की बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए ऑपरेशन में गंभीर खतरा बताया।

10 दिनों में अस्पताल से मिल गई मरीज को छुट्टी

रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद मरीज के परिजनों को भोपाल एम्स के बारे में जानकारी मिली, तो परिजन उन्हें लेकर भोपाल एम्स के ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग में पहुंचे। विभाग के प्रमुख डॉ. यूनुस ने उन्हें सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में जल्दी इलाज करवाने की सलाह दी। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने मरीज को ओपीडी में देखा और सभी जांच करवाने के बाद ऑपरेशन करने का फैसला किया गया। उन्होंने अपनी टीम के साथ (लो एन्टीरियर रिसेक्शन- जो मलाशय के कैंसर के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया है) मरीज की सर्जरी की। बेहतर रिकवरी होने के बाद केवल 10 दिनों में ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब मरीज की हालत ठीक बताई जा रही है।

एम्स की ओपीडी में दोगुना बढ़ी मरीजों की संख्या

रिपोर्ट के अनुसार एम्स में केवल मध्यप्रदेश के शहरों से ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी लोग इलाज के लिए भोपाल का रुख कर रहे हैं। अगर हम केवल कैंसर विभाग के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की बात करें, तो पिछले दो वर्षों में ओपीडी में मरीजों की संख्या 7500 से बढ़कर 15000 हो गई है। वहीं, वार्ड में भर्ती के मामले ढाई गुना बढ़कर साढ़े तीन हजार हो गए हैं। जबकि इसी दौरान सर्जरी के केस भी दोगुने होकर 1000 से अधिक हो गए हैं।

समय पर इलाज कराने पर बच जाएगी जान

रिपोर्ट के अनुसार रेक्टल कैंसर आम तौर पर मध्यम और बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक बीमारी है। बुजुर्गों में इस बीमारी के इलाज में गंभीर खतरा हो सकता है। समय पर समुचित इलाज करवाने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसका इलाज करते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।



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