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न्यायालय तक पहुंचा कांग्रेस का क्लेश, गहलोत के करीबी सहित 5 लोगों को नोटिस जारी



अजय त्यागी 2024-05-01 05:48:22 राजनीति

कांग्रेसी नेता अर्चना शर्मा - File Photo : Internet
कांग्रेसी नेता अर्चना शर्मा - File Photo : Internet

लोकसभा चुनाव सम्पन्न होते ही राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं की विधान सभा चुनावों से पूर्व से चली आ रही आपसी लड़ाई न्यायालय तक पहुंच गई है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व उपाध्यक्ष और करीब चार महीने पहले मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली अर्चना शर्मा ने पांच लोगों के खिलाफ दस करोड़ रूपये की मानहानि का दावा किया है। इस मामले में महावीर उपाध्याय के साथ साथ वरिष्ठ नेता व राज्य पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष राजीव अरोड़ा, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व संगठन महासचिव महेश शर्मा,  विचार व्यास और रामचन्द्र गर्ग को प्रतिवादी बनाया गया है। मामले में जयपुर महानगर द्वितीय क्षेत्र के अतिरिक्त जिला न्यायालय ने पांच लोगों को नोटिस जारी किया है और उनसे 27 मई तक जवाब देने को कहा है। 

वोटिंग से पहले वायरल हुआ था वीडियो

दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान अर्चना शर्मा का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था। अर्चना शर्मा के पर्सनल सेक्रेटरी रहे महावीर ने ऑडियो वायरल किया था। वायरल ऑडियो में पैसों के लेनदेन की बात हो रही थी। तब अर्चना शर्मा ने उस ऑडियो को फेक बताया था। वोटिंग से दो दिन पहले यह ऑडियो वायरल किया गया था। तब अर्चना शर्मा ने कहा था कि मैं चुनाव में आगे हूं, इसलिए मेरे खिलाफ यह साजिश की गई है। अब इसी मामले में अर्चना शर्मा ने मानहानि का दावा किया है। 

अर्चना शर्मा ने दावे में क्या कहा?

अपने दावे में अर्चना शर्मा की तरफ से अधिवक्ता एके जैन ने बताया कि अर्चना शर्मा मालवीय नगर से कांग्रेस प्रत्याशी थीं। महावीर उपाध्याय पूर्व में सहायक कार्यकर्ता था, लेकिन ढाई साल पहले उसे हटा दिया था। इसी खुन्नस में महावीर उपाध्याय ने 25 नवम्बर को होने वाले विधान सभा चुनाव से ठीक पहले 22 नवंबर को एक फेक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया।

न्यायलय में पेश दावे में अर्चना ने कहा है कि इन लोगों ने मिलकर 25 नवंबर, 2023 को होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व 22 नवंबर को एक कूटरचित आवाज से बनाया आडियो जारी कर कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार लोगों को धमका कर पैसे वसूलती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ऐसा उन्होंने वादी की संपति हड़पने और ब्लैकमेल करने के लिए किया था। इस बारे में सांगानेर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। अरोड़ा, महेश एवं अन्य ने ऐसा राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण किया था। इससे उनके परिवार व पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा है कि प्रतिवादियों ने आडियो यूट्यूब व व्हाट्सअप सहित इंटरनेट मीडिया के अन्य स्थानों पर वायरल करवाया था। ऐसे में वह प्रतिवादियों से दस करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने की अधिकारी है। न्यायालय ने अरोड़ा, महेश सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब पेश करने के लिए कहा है। 

कांग्रेस का टिकट चाहते थे दोनों नेता

गौरतलब है कि, अर्चना शर्मा और राजीव अरोड़ा दोनों ही मालवीय नगर से कांग्रेस का टिकट चाहते थे। कांग्रेस ने दो बार चुनाव हार चुकी अर्चना शर्मा को उम्मीदवार बनाया था। तब राजीव अरोड़ा के समर्थकों ने दिल्ली में प्रदर्शन भी किया था। विधानसभा चुनाव के पूर्व से चली आ रही यह खींचतान अब न्यायालय तक पहुंच चुकी है।

बता दें कि, विधान सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा को भारतीय जनता पार्टी के कालीचरण सर्राफ ने हराया था। कालीचरण सर्राफ को चुनाव में 92506 वोट मिले थे जबकि अर्चना शर्मा को 57012 वोट मिले थे। कहीं ना कहीं अर्चना शर्मा अपनी हार के लिए उस ऑडियो को जिम्मेदार मान रही हैं, यही कारण है कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अब यह मामला न्यायलय तक पहुँच गया है। 



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