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बड़ा खुलासा : कुकी महिलाओं को पुलिसकर्मियों ने ही किया था भीड़ के हवाले, CBI की चार्जशीट से हुआ खुलासा



अजय त्यागी 2024-05-01 09:31:08 मणिपुर

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet

मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें दावा किया गया है कि पुलिस के जवान कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को कथित तौर पर अपनी आधिकारिक जिप्सी में बिठाकर कांगपोकपी जिले में लगभग 1,000 मैती दंगाइयों की भीड़ के पास ले गए थे।

समचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार आरोप पत्र में कहा गया है कि राज्य में हुई जातीय हिंसा के दौरान क्रूरतापूर्वक सामूहिक बलात्कार करने से पहले दोनों महिलाओं को नग्न किया गया और परेड कराई गई। इतना ही नहीं भीड़ ने उसी परिवार की तीसरी महिला पर भी हमला किया था और उसे निर्वस्त्र करने की कोशिश की थी। हालांकि, वह भागने में सफल रही।

एजेंसी के अनुसार आरोप पत्र के मुताबिक तीनों पीडीताओं ने मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों से मदद मांगी थी, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। इन महिलाओं में से एक कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले जवान की पत्नी थी। उसने पुलिस कर्मियों से उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहा था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनसे कहा कि उनके पास वाहन की चाबी नहीं है।

महिलाओं को नग्न करके घुमाया

गौरतलब है कि 4 मई 2023 को हुई इस घटना के लगभग दो महीने बाद पिछले साल जुलाई में इसका वीडियो सामने आया था। वीडियो में दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ के बीच नग्न परेड करते हुए देखा गया था। सीबीआई ने पिछले साल 16 अक्टूबर को गुवाहाटी में सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र और सीसीएल के खिलाफ रिपोर्ट दायर की थी।

एजेंसी के अनुसार आरोप है कि दोनों महिलाएं एके राइफल, एसएलआर, इंसास और 303 राइफल जैसे अत्याधुनिक हथियार से लैस 900 से 1,000 लोगों की भीड़ से बचकर भाग रही थीं। इसमें कहा गया है कि भीड़ ने सैकुल पुलिस स्टेशन से लगभग 68 किमी दक्षिण में कांगपोकपी जिले में उनके गांव बी फीनोम के सभी घरों में तोड़फोड़ की और वहां आग लगा दी थी।

महिलाओं के साथ गैंग रेप

एजेंसी के अनुसार ये तीनों महिलाएं उन 10 लोगों के समूह का हिस्सा थीं जो भीड़ से छिपने के लिए हाओखोंगचिंग जंगल में भाग गए थे। महिलाएं, अन्य पीड़ितों के साथ भीड़ से बचने के लिए जंगल में भाग गईं, लेकिन दंगाइयों ने उन्हें देख लिया और उन्हें घेर लिया। इसके बाद भीड़ के महिलाओं के साथ गैंग रेप किया और उन्हें नग्न करके घुमाया।

पुलिस ने नहीं की मदद

एजेंसी के अनुसार मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने महिलाओं से मदद मांगने के लिए सड़क किनारे खड़े पुलिस वाहन के पास पहुंचने को कहा। इसके बाद दोनों महिलाएं वाहन के अंदर बैठ गई, जिसमें दो पुलिस कर्मी और चालक बैठे थे। इसके अलावा गाड़ी के बाहर भी तीन-चार कर्मी थे।

पीड़ितों में से एक ने ड्राइवर से उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए विनती की, लेकिन उसे बताया गया कि उनके पास वाहन कि चाबी नहीं है। पीड़ितों में से एक के पति ने असम रेजिमेंट के सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा की थी।

एजेंसी के अनुसार सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने वाहन में बैठी महिला के पिता को भीड़ के हमले से बचाने में भी मदद नहीं की। इतना ही नहीं पुलिस जिप्सी के ड्राइवर ने गाड़ी लोगों की भीड़ की ओर बढ़ा दी और उनके सामने रोक दी। पीड़ितों ने पुलिस कर्मियों से उन्हें सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं दी गई।



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