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आग के योद्धाओं को सलाम - अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस 4 मई : जानें इतिहास और महत्व



अजय त्यागी 2024-05-04 11:44:50 मोटिवेशनल

प्रतीकात्मक फोटो : Rex TV India
प्रतीकात्मक फोटो : Rex TV India

अग्निशमन दुनिया भर में सबसे प्रमुख और आवश्यक सेवाओं में से एक है, और अग्निशामक इसके प्रमुख योद्धा हैं। वे झोपड़ियों, इमारतों और कार्यस्थलों सहित अन्य जगहों पर आग से लड़ते हुए दूसरों की जान बचाने के लिए लगभग हर दिन अपनी जान जोखिम में डालते हैं। इसके अलावा, वे विशेष रूप से गर्मियों के दौरान जंगलों में लगने वाली भीषण आग से जानवरों के जीवन की रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

समाज को रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने में उनके शानदार योगदान के सम्मान में दुनिया भर में लोग हर साल 4 मई को अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस (आईएफएफडी) मनाते हैं। यह दिन उन अग्निशामकों को याद करने और सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने अपनी जान दूसरों की रक्षा करते हुए दे दी।

भारत में 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। जैसा कि सब जानते हैं, अग्रिकांड जैसे भयंकर मामलों में फायर ब्रिगेड की टीम देवदूत बनकर आती है। उन्हें चाहिए तो बस सही समय पर सूचना और सुरक्षा उपकरण। उसके बाद ये दमकल की टीम अपनी जान जोखिम में डालकर भी भीषण से भीषण आग पर काबू पाने और अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से पूरा करने के लिए तत्पर रहती है। हालांकि कई ऐसे मामले भी आते हैं जब उन्हें देर से सूचना मिलती है और पहुंचने में देरी होने के कारण उन्हें समाज और प्रभावितों के गुस्से का शिकार भी होना पड़ता है।

इस दिवस को कैसे मनाए?

अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस मनाने के कई तरीके हैं। पहला तरीका वर्तमान और पूर्व अग्निशामकों के प्रति उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करना है। दूसरा तरीका है नीले और लाल रिबन पहनना और प्रदर्शित करना। ये रिबन उन मुख्य तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगों से जुड़े हुए हैं जिनके साथ अग्निशामक काम करते हैं - आग के लिए लाल और पानी के लिए नीला। विदेशों में लोग आज के दिन ये रिबन बांध कर अग्निशामको के प्रति अपना अपार प्रेम, स्नेह और श्रृद्धा जाहिर करते हैं। भारत में भी ऐसे प्रचलन की आवश्यकता है। 

अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस 1999 में दुनिया भर के अग्निशामकों के बलिदान को सम्मान देने के लिए प्रारंभ किया गया। दरअसल, 2 दिसंबर 1998 को ऑस्ट्रेलिया के लिंटन में एक दुखद दुर्घटना घटी, जिसमें गीलॉन्ग वेस्ट फायर ब्रिगेड के पांच अग्निशमन कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई। अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस की स्थापना उसी भयानक घटना से प्रेरणा लेकर की गई। पांचों अग्निशमन कर्मी अपने टैंकर में पानी भरने जा रहे थे, तभी तेज हवा के कारण ट्रक सहित वे आग की चपेट में आ गए और पांचों की मौत हो गई। उनके नाम गैरी व्रेडेवेल्ट, मैथ्यू आर्मस्ट्रांग, जेसन थॉमस, क्रिस इवांस और स्टुअर्ट डेविडसन थे। लिंटन में हुई त्रासदी का स्थानीय समुदाय और दुनिया भर के अग्निशामकों पर गहरा प्रभाव पड़ा। इससे पीड़ितों और उनके परिवारों में दुख और आम जनता के उनके प्रति समर्थन की लहर दौड़ गई। उन पांच अग्निशामकों को अब लिंटन कब्रिस्तान में एक सामूहिक स्मारक के हिस्से के रूप में याद किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस की आधिकारिक तारीख 4 मई है। यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि इस दिन, सभी अग्निशामकों के संरक्षक संत, सेंट फ्लोरियन की हत्या कर दी गई थी। सेंट फ़्लोरियन रोमन साम्राज्य में अग्निशमन दस्ते के पहले ज्ञात कमांडर थे। दुनिया भर के अग्निशामकों के प्रति समान मानवीय विचारों की रक्षा करने का प्रयास करने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस दुनिया भर के अग्निशामकों की बहादुरी और समर्पण को पहचानने, जश्न मनाने और उनके प्रति अपना प्रेम, स्नेह और श्रृद्धा प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह अग्निशामकों के दुखद नुकसान पर विचार करने और उनके परिवारों और समुदायों के लिए सहायता और संसाधन प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का भी दिन है।

यह विशेष दिन अग्निशामकों को उनकी बहादुरी और कड़ी मेहनत के लिए सम्मान और धन्यवाद देने के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि वे हमें आग से सुरक्षित रखने और हमारे घरों और जीवन की रक्षा करने में कितने महत्वपूर्ण हैं। अग्निशमन दिवस के अवसर पर स्थानीय समुदायों या अग्निशमन संघों द्वारा आयोजित स्मारक या मान्यता कार्यक्रमों में भाग लेना भी महत्वपूर्ण है।

दुनिया भर में अग्निशामकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करना इस दिन में भाग लेने का एक शानदार तरीका है। नीले और लाल रिबन पहनकर और प्रदर्शित करके, हम हर जगह अग्निशामकों के प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं।

अग्निशामकों के कार्य - 

♦  आग लगने की घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देना। 

♦  लोगों को जलती हुई इमारतों से निकालना। 

♦  आग बुझाने के लिए विभिन्न उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करना। 

♦  घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान करना। 

♦  आग लगने की घटनाओं की जांच करना और भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करना। 

♦  लोगों को आग से बचाव के बारे में जागरूक करना। 

अग्निशामकों के जोखिम - 

अग्निशामकों का काम बहुत ही खतरनाक होता है। वे अक्सर धुएं, तीव्र गर्मी और जहरीली गैसों के संपर्क में आते हैं। उन्हें गिरने वाले मलबे और विस्फोटों से भी जान का खतरा होता है।  लेकिन, वे अपनी जान की परवाह किए बिना हमारे जान-माल की रक्षा के लिए जुटे रहते हैं। 

हम अग्निशामकों का सम्मान कैसे कर सकते हैं?  

♦  आग से बचाव के बारे में जागरूकता बढ़ाकर। 

♦  आग लगने की घटनाओं की स्थिति में शांत रहते हुए उनका सहयोग करके। 

♦  अग्निशामकों के निर्देशों का पालन करके। 

♦  अग्निशामकों को धन्यवाद देकर और उनके काम की सराहना करके। 

♦  अग्निशामक दल को दान करके।



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