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राजस्थान में चूहों से फैल रहा खतरनाक लेप्टोस्पायरोसिस और ब्रुसेलोसिस, मामले लगातार आ रहे सामने



अजय त्यागी 2024-05-04 02:40:58 स्वास्थ्य

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet

राजस्थान में लेप्टोस्पायरोसिस और ब्रुसेलोसिस बीमारी के मामलो में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी आमतौर पर चूहों से मनुष्य में फैलती है और पिछले चार महीने में इस बीमारी से जुड़े मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। चिकित्साकों का कहना है कि लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण आमतौर पर सामान्य बुखार की तरह होते हैं और यह बीमारी जल्द पकड़ में नहीं आती।

चूहों के यूरीन से फैलने वाली लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी के सबसे अधिक मामले जयपुर, अलवर, दौसा, अजमेर, टोंक, भरतपुर, करौली व सवाई माधोपुर में देखने को मिले हैं। राजस्थान में अब तक इस बीमारी के 32 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक 15 पॉजिटिव केस जयपुर से देखने को मिले हैं। लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों के बीच फैलती है। लेप्टोस्पायरोसिस आमतौर पर जानवरों के पेशाब से मनुष्यों में फैलता है, जिसमें लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया होता है।

लक्षण और बचाव 

लेप्टोस्पायरोसिस से ग्रसित होने पर मरीज में सबसे पहले तेज बुखार देखने को मिलता है। उसके बाद शरीर पर हल्के फफोले पड़ना शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी-दस्त जैसे भी लक्षण नजर आते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जिस क्षेत्र में चूहों की संख्या ज्यादा है, वहां इस बीमारी से ग्रसित मरीज अधिक पाए जाते हैं। दरअसल, चूहों के यूरीन के संपर्क में आने पर यह बीमारी फैलती है। ऐसे में यदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है और सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर कई बार मरीज की जान भी चली जाती है।

ब्रुसेलोसिस के 61 मामले 

आमतौर पर ब्रुसेलोसिस बीमारी जानवरों में देखने को मिलती है, लेकिन अब यह बीमारी मनुष्य में भी देखने को मिल रही है। बीते चार महीनों में ब्रुसेलोसिस के 61 मामले प्रदेश में सामने आ चुके हैं। इस बीमारी के भी सर्वाधिक 34 मामले जयपुर से देखने को मिले हैं। इसके अलावा दौसा, अलवर, करौली, सवाई माधोपुर, अजमेर और भरतपुर में भी इस बीमारी से ग्रसित मरीज सामने आए हैं।

ब्रुसेलोसिस बीमारी जीनस ब्रुसेला के बैक्टीरिया समूह से होती है जो जानलेवा नहीं है। इस बीमारी के लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे हैं। जिसमे बुखार आना, भूख न लगना, पीठ दर्द, ठंड लगना, सुस्ती, चक्कर आना, सिर दर्द, पेट दर्द, जोड़ो में दर्द और वजन घटना प्रमुख लक्षणों में शामिल है। चिकित्सकों का कहना है कि कच्चे मांस का सेवन और कच्चे दूध के सेवन से इस बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है।



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