Fri, 20 September 2024 03:17:08am
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव खत्म होते ही महादेव ऑनलाइन सट्टा एप से जुड़े लोगों के खिलाफ एसीबी ईओडब्ल्यू बड़ी कार्रवाई करने जुट गया है। गुरुवार सुबह से ही ईओडब्ल्यू की टीम जिले में कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में ईओडब्ल्यू अफसरों ने दुर्ग के सर्राफा व्यापारियों और निवास स्थानों पर छापा मारी की। एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त कार्रवाई से सर्राफा कारोबारियों के खिलाफ हड़कंप मचा हुआ है।
सर्राफा व्यापारियों में मचा हड़कंप
एसीबी ईओडब्ल्यू ने सहेली ज्वेलर्स और अलंकार ज्वेलर्स के संचालक की दुकान और घर पर गुरुवार सुबह दबिश दी है। सर्राफा व्यापारियों के घर पर सुबह-सुबह पड़े इस छापे के कारण हड़कंप मच गया। एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने सर्राफा व्यापारियों के घर पहुंचकर दस्तावेजों की पड़ताल की। इस दौरान संदिग्ध ट्रांजेक्शन को लेकर सर्राफा व्यापारियों से पूछताछ की जा रही है। आपको बता दें कि अलंकार ज्वेलर्स के संचालक प्रकाश सांखला के निवास पर पहले भी आईडी और ईडी की टीम छानबीन कर चुकी है।
छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर छापा
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ने राजधानी रायपुर समेत प्रदेशभर में कार्रवाई करनी शुरु की है। इसी कड़ी में रायपुर के अलावा टीमें दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, राजनांदगांव और कांकेर में कई जगहों पर दबिश दे रहीं हैं। ईओडब्ल्यू के अफसरों के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षा बल भी मौजूद है।
ईओडब्लू और एसीबी में दर्ज है FIR
बता दें कि छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ईडी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कथित महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को ईडी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर, 4 मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और ऐप के प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा 14 अन्य को एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया है। इस केस में कई नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और ओएसडी को भी आरोपी बनाया गया है। भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। जिसमें 120बी, 420 और 471 शामिल हैं।