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साइबर फ्रॉड मामलों की लाखों में शिकायत मगर गिरफ्तारी एक फीसदी से भी कम



अजय त्यागी 2024-05-14 04:21:36 आम सूचना

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet

साइबर अपराध के लगातार बढ़ते मामलों ने सरकार को चिंता में डाल रखा है। हाल ही में साइबर फ्रॉड के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल यानी एनसीआरपी ने बताया है कि 2020 से लेकर फरवरी 2024 के बीच लगभग 31 लाख शिकायतें साइबर फ्रॉड की मिली। इस दौरान सबसे गंभीर बात ये रही कि साइबर फ्रॉड के मामलों में बेहद ही कम लोगों की गिरफ्तारी हो पाई है। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साइबर फ्रॉड के कुल मामलों में से 1 फीसदी से भी कम मामलों में ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सका। देशभर में साइबर अपराध को रोकने वाली अलग-अलग एजेंसियों ने 66 हजार के करीब एफआईआर दर्ज की। मगर इनमें से इस साल तक सिर्फ 500 मामलों में ही गिरफ्तारी हो सकी है। 

अर्थव्यवस्था और संरचना को होता है नुकसान

रिपोर्ट के अनुसार देश के गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की अलग-अलग बैठकों में इस मुद्दे को उठाया गया है। साइबर फ्रॉड के मामलों में अपराधियों की कम गिरफ्तारियां चिंता का बड़ा विषय है। इसमें भी लोन देने वाले एप्स देश की अर्थव्यवस्था और संरचना को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। लोन एप्स के जरिए साइबर फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों को पकड़ने में सुस्ती की एक बड़ी वजह है, मामलों की जांच की रफ्तार का धीमा होना। 

कम गिरफ्तारियां चिंता की बड़ी वजह

रिपोर्ट के अनुसार ऐसे मामलों में साइबर अपराधी तुरंत ही अलग-अलग देशों में पैसों को ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसे में सही समय पर साइबर फ्रॉड करने वाले व्यक्ति तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि साइबर फ्रॉड के मामलों में जांच की रफ्तार को कैसे तेज किया जाए। साथ ही किस तरह से साइबर फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा सके।



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