Fri, 20 September 2024 03:12:51am
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में कोलकाता पुलिस ने राजभवन के तीन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस ने यह कार्रवाई सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की है। जिसमें विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) एसएस राजपूत बैग ले जाती हुई महिला कर्मचारी कुसुम छेत्री और राजभवन के चपरासी संत लाल को नामजद किया गया है। जानकारी के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में राजभवन के तीनों कर्मचारी राज्यपाल पर आरोप लगाने वाली महिला को जबरन रोकते दिख रहे हैं।
पुलिस ने तीनों के खिलाफ 2 मई को छेड़छाड़ की कथित घटना के बाद राजभवन की महिला कर्मचारी को गलत तरीके से रोकने का आरोप लगाया है। उन पर आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 166 (लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से कानून की अवज्ञा करना) के तहत आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता महिला राजभवन में एक संविदा कर्मचारी है जिसने आरोप लगाया कि घटना के बाद उसे स्टाफ सदस्यों ने हिरासत में लिया और चुप रहने के लिए दबाव डाला। पीड़िता पहले ही धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करा चुकी है। इसके बाद ही हेयर स्ट्रीट पुलिस थाने में तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि एफआईआर में नामजद तीनों कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जाएगी।
बोस दे चुके हैं सफाई
महिला संविदा कर्मी के आरोपों को लेकर राज्यपाल बोस अपनी तरफ से सफाई दे चुके हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। यही नहीं, उन्होंने 9 मई को 100 आम लोगों को 2 मई की सीसीटीवी फुटेज दिखाई थी, जिस दिन महिला ने कथित तौर पर यौन शोषण होने का आरोप लगाया था।
करीब एक घंटे की वीडियो फुटेज में आरोप लगाने वाली महिला भी नजर आई थी। अभी तक इस मामले में राज्यपाल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के मुताबिक, किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
राज्यपाल के खिलाफ अब तक दो शिकायतें मिलीं
राजभवन की महिला संविदा कर्मी के अलावा एक लोकप्रिय शास्त्रीय नर्तकी भी बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा चुकी हैं। उन्होंने ये शिकायत अक्तूबर 2023 में दर्ज कराई थी। हालांकि, मामला गत 14 मई को सुर्खियों में आया जब राज्य सचिवालय के निर्देश पर कोलकाता पुलिस ने इस पर प्रारंभिक जांच पूरी की। पुलिस इस मामले में अपनी रिपोर्ट राज्य सचिवालय को सौंप चुकी है।