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सहस्त्रताल ट्रेक पर फंसे ट्रेकर्स के रेस्क्यू के लिए बचाव दल रवाना, 4 पर्वतारोहियों की मौत की सूचना



अजय त्यागी 2024-06-05 12:41:50 उत्तराखंड

सहस्त्रताल ट्रेक - Photo : trekventure.in
सहस्त्रताल ट्रेक - Photo : trekventure.in

सहस्त्रताल की ट्रेकिंग पर गए बाईस सदस्यों वाले एक ट्रेकिंग दल के चार सदस्यों की खराब मौसम के कारण मृत्यु होने की सूचना मिली है। बाकी सदस्यों के इस उच्च हिमालयी ट्रेक रूट में फंसने की सूचना है। प्रशासन ने घटना की सूचना मिलते ही फंसे ट्रेकर्स को निकालने के लिए आज बुधवार सुबह टीम भेज दी हैं। जिलाधिकारी ने फंसे ट्रेकर्स और मृतकों के शवों को निकालने के लिए वायु सेना के माध्यम से हेली रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिये भी अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस घटना के संबंध में राज्य के सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया है।

SDRF उत्तराखंड पुलिस की 02 टीमें हुईं रवाना 
हिमालयन व्यू ट्रेकिंग एजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर एक 22 सदस्यीय ट्रेकिंग दल, जिसमें कनार्टक के 18 सदस्य एवं महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाइड शामिल थे, को गत 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रेकिंग अभियान पर रवाना किया गया था। इस ट्रेकिंग दल को आगामी 7 जून तक वापस लौटना था। इसी दौरान मंगलवार को अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। सम्बन्धित ट्रेकिंग एजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना देते हुए ट्रेक में 18 सदस्यों के फंसे होने की घटना से अवगत कराया है। उक्त घटना की जानकारी पर आज दिनांक 05 जून 2024 को प्रातः सेनानायक SDRF मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार SDRF की 02 हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीमों को रेस्क्यू हेतु रवाना किया गया। मणिकांत मिश्रा द्वारा ब्रीफिंग के उपरांत सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून से 03 सदस्यीय टीम को हेली के माध्यम से रेस्क्यू हेतु भेजा गया एवं एक टीम को मय आवश्यक उपकरणों के बैकअप में रखा गया है।

अलग-अलग दिशाओं से रवाना हुए बचाव दल 
उत्तरकाशी जिले के डीएम डॉक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि सहस्त्रताल के ट्रेकिंग रूट पर फंसे ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ और वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी और रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे निकल चुकी है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआरएफ का दल भी बुधवार 5 जून को तड़के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू करने के लिए रवाना हो चुका है।

हेलीकॉप्टर से होगी एरियल रेकी 
इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलीकॉप्टर से एरियल रेकी के रवाना हो गई है। जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। आईटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर की टीम रवाना हो गई है। एनआईएम से भी बैकअप टीम रवाना की जा रही है। प्राप्त सूचना के अनुसार वायुसेना की हेली सर्च एवं रेस्क्यू टीम भी अभियान में शामिल होने के लिए जल्द रवाना हो सकती है।

रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टिहरी जिला प्रशासन द्वारा भी हेली रेस्क्यू हेतु अरदंगी हेलीपैड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां पर एम्बुलेंस टीम, लोनिवि और पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज बचाव हेतु जनपद टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही है। ये टीम घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होगी।

ट्रेकर एजेंसी वालों ने क्या कहा 
ट्रेकर एजेंसी के भगवत सेमवाल ने बताया कि करीब साढ़े 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल पहुंचने के लिए भटवाड़ी ब्लाक के सोरा गांव से 45 किमी का लंबा सफर पैदल तय करना पड़ता है। सामान्यतया इस ट्रेक के लिए मौसम आजकल अनुकूल रहता है। लेकिन जब हाइट पर पहुंचते हैं तो वहां पर तेज हवा के साथ ही धुंध फैल जाती है। इस कारण ट्रेकर रास्ता भटक जाते हैं। इसी कारण इस ट्रेकर दल के सदस्य भी रास्ता भटक गए होंगे।



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