Join our Whatsapp Group

ईद उल अज़हा आज, जामा मस्जिद में नमाज़ के बाद गले लगकर एक दूसरे को दी मुबारकबाद



अजय त्यागी 2024-06-17 01:01:19 आध्यात्मिक

जामा मस्जिद में ईद उल अज़हा की नमाज़ अदा की गई
जामा मस्जिद में ईद उल अज़हा की नमाज़ अदा की गई

मुस्लिम धर्म के प्रमुख त्योहारों में बकरीद का पर्व भी बेहद विशेष है। इसे ईद-अल-अज़हा भी कहा जाता है। आज भारत में बकरीद मनाई जा रही है। राजधानी दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के अवसर पर सुबह नमाज़ अदा की गई।

नमाज़ के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी। सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे। देशभर से लोग जामा मस्जिद घूमने और नमाज़ पढ़ने आते हैं। बकरीद के मौके दिल्ली के बाजार गुलजार हैं। अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है।

बीकानेर की बड़ी ईदगाह में नमाज़ अदा की गई 
बीकानेर की बड़ी ईदगाह के मैदान में ईद उल अज़हा की नमाज़ के लिए सुबह से ही भारी भीड़ जुटी। नमाजियों ने मुल्क में शांति, तरक्की, खुशहाली और भाईचारा के लिए दुआ पढ़ी। शहर काजी हफ़ीज़ शाहनवाज़ हुसैन ने नमाज़ अदा करवाई। नमाज़ के बाद सभी ने एक दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारकबाद दी। नमाज़ के बाद लोग अपने घरों में कुर्बानी की रस्म अदा करेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से शहर के प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात रहा।

बकरीद का महत्व
ईद उल अज़हा यानी बकरीद का त्योहार इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने जुल-हिज्जा के दसवें दिन मनाया जाता है। चूंकि बकरीद इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से मनाई जाती है। इसलिए हर साल ईद की तारीख अलग होती है। यह दिन कुर्बानी का होता है। मान्यता है कि त्यौहार हजरत इब्राहिम (अब्राहम) द्वारा अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने की इच्छा की याद में मनाया जाता है।

मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन अपनी हैसियत के अनुसार कुर्बानी देते हैं और जरूरतमंदों और गरीबों में बांटते हैं। कुर्बानी के हिस्सों को तीन भागों में बांटा जाता है। एक भाग गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है, दूसरा भाग रिश्तेदारों और दोस्तों को दिया जाता है, और तीसरा भाग खुद रखा जाता है। ये त्योहार गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने और समाज में भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है।

पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया और जापान में आज मनाई जा रही ईद
इस्लाम धर्म में चाँद को विशेष महत्व दिया जाता है। इस्लामिक महीने चांद की स्थिति पर निर्भर करते हैं। कोई भी इस्लामिक महीना नया चांद दिखने के बाद शुरू होता है। इस्लामिक महीने में 29 दिन या 30 दिन होते हैं, यह चांद दिखने पर ही निर्धारित होता है। भौगोलिक रूप से यह संभव है कि देश के एक हिस्से में चांद दूसरे हिस्सों से पहले निकले। भारत समेत कुछ एशियाई देशों में धुल हिज्जा का चांद 7 जून को दिखा था, इसीलिए भारत में ईद उल अजहा 17 जून, को मनाई जा रही है। भारत के अलावा पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान, ब्रूनेई और होंग कोंग में 17 जून के दिन ही ईद मनाई जा रही है। वहीं, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, कुवैत, ओमान, जोरडन, सीरिया और इराक में ईद उल अजहा 16 जून को मनाई गई।



प्रकाशन हेतु समाचार, आलेख अथवा विज्ञापन 6376887816 (व्हाट्सएप) या rextvindia@gmail.com पर भेजें...