Fri, 20 September 2024 03:33:45am
टाटा स्टील के वर्कर्स ने 40 साल में पहली बार हड़ताल करने का फैसला किया है। यह हड़ताल कंपनी की विवादास्पद योजना के विरोध में हो रही है, जिसमें 2,800 नौकरियों की कटौती और ब्लास्ट फर्नेस बंद करने की बात की गई है। इस हड़ताल का असर कंपनी की यूके स्थित ऑपरेशन्स पर पड़ने वाला है।
लंदन: पोर्ट टैलबोट और ल्लानवर्न, वेल्स में स्थित टाटा स्टील के लगभग 1,500 वर्कर्स 8 जुलाई से "अनिश्चितकालीन हड़ताल" पर जाने वाले हैं। यूनाइट द यूनियन ने बताया कि यह पहली बार है जब यूके के स्टीलवर्कर्स ने 40 साल में हड़ताल की है।
कंपनी की "विनाशकारी योजनाओं" के विरोध में यह हड़ताल हो रही है, जिसमें 2,800 नौकरियों की कटौती और ब्लास्ट फर्नेस बंद करने का प्रस्ताव है। यूनाइट के सदस्यों ने पहले ही इस हफ्ते नियम के अनुसार काम करने और ओवरटाइम बैन का फैसला लिया था, जो अब "उग्र" रूप ले चुका है।
यूनाइट द यूनियन के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम इस कदम को उठाने के लिए मजबूर हुए हैं क्योंकि कंपनी के फैसलों से हमारे सदस्यों के भविष्य पर संकट आ गया है। हम टाटा स्टील यूके की ऑपरेशन्स को गंभीरता से प्रभावित करने के लिए तैयार हैं।"
टाटा स्टील यूके ने अपने बयान में कहा कि यह कदम आर्थिक तंगी और बाजार की चुनौतियों के चलते उठाना पड़ रहा है। कंपनी ने यह भी बताया कि वे कर्मचारियों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इस हड़ताल का व्यापक प्रभाव हो सकता है, क्योंकि टाटा स्टील यूके के ऑपरेशन्स पर गंभीर असर पड़ेगा। इस हड़ताल से उत्पादन की प्रक्रिया धीमी हो सकती है और कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है।
टाटा स्टील के वर्कर्स की हड़ताल एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिसने उद्योग और बाजार दोनों में हलचल मचा दी है। यह हड़ताल केवल नौकरियों के संकट का प्रतीक नहीं है, बल्कि इससे वर्कर्स और कंपनी के बीच संबंधों में भी तनाव बढ़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी और वर्कर्स के बीच इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है।