Join our Whatsapp Group

भारत में बाढ़ और सूखे के लिए आर्कटिक की बर्फ का पिंघलना जिम्मेवार, 42 साल की तस्वीरों से हुआ खुलासा



अजय त्यागी 2024-06-27 12:23:04 मौसम

प्रतीकात्मक फोटो : Rex TV India
प्रतीकात्मक फोटो : Rex TV India

भारतीय वैज्ञानिकों ने 42 साल की सैटेलाइट तस्वीरों पर शोध से क्षेत्रीय स्तर पर जलवायु में आ रहे बदलावों के रहस्य का खुलासा किया है। देश के कुछ स्थानों पर बाढ़ तो कुछ स्थानों पर सूखे जैसे हालात मानसून चक्र के बिगड़ने का नतीजा है। इसके पीछे वैज्ञानिकों ने आर्कटिक में लगातार पिघल रही समुद्री बर्फ को जिम्मेदार माना है।

वैज्ञानिकों ने भारत की जलवायु और आर्कटिक समुद्री बर्फ के बीच टेली कनेक्शन की जांच की। इसमें सामने आया कि बर्फ के लगातार पिघलने से भारत की जलवायु सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। बर्फ पिघलने से पश्चिमी भारत में वर्षा में वृद्धि हुई है, वहीं बैरेंट्स कारा सागर में गंगा के मैदान और पूर्वोत्तर भारत में वर्षा में कमी आई है। एल्सेवियर मेडिकल जर्नल के विशेष अंक पर्यावरण की रिमोट सेंसिंग में प्रकाशित अध्ययन गोवा के राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र व मैंगलोर विवि के समुद्री भूविज्ञान विभाग के शोधकर्ताओं ने किया है, जिसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से अनुमति दी गई है।

बर्फ पिघलने के अलग कारण
मंत्रालय ने बताया कि इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने 1979 से 2021 के बीच सैटेलाइट इमेज और क्लाइमेट मॉडल के जरिये आए बदलावों की जांच की है, जिसमें क्षेत्रीय जलवायु परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए आर्कटिक सागर बर्फ सांद्रता (एसआईसी) और भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा (आईएसएमआर) के बीच संबंध को समझना काफी अहम है। इसमें भूमि-समुद्र के तापमान में बदलाव, पश्चिमी हिंद महासागर के गर्म होने और एशियाई जेट स्ट्रीम में बदलावों को जिम्मेदार ठहराया गया।

हिमालय में एक साल में घटी 85 सेमी बर्फ
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने कहा कि हिमालय में छह जून 2023 और आठ जून 2024 को सुत्री ढाका ग्लेशियर पर बर्फ की गहराई को मापा गया। इसमें सामने आया कि इस साल 85 सेमी बर्फ की कमी आई है। छह जून 2023 को यहां 145 सेमी बर्फ थी जो आठ जून 2024 को केवल 60 सेमी पाई गई।

भविष्य का मॉडल करेंगे विकसित
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अध्ययन से समझ आया है कि भविष्य के जलवायु मॉडल का उपयोग करते हुए हम भारत के मानसून को लेकर ज्यादा बेहतर पूर्वानुमान लगा सकते हैं। इससे हमारी समझ में काफी सुधार हो सकता है।



प्रकाशन हेतु समाचार, आलेख अथवा विज्ञापन 6376887816 (व्हाट्सएप) या rextvindia@gmail.com पर भेजें...