Fri, 20 September 2024 03:34:29am
पुरानी पेंशन बहाली सहित दूसरी मांगों को लेकर केंद्रीय कर्मचारी संगठन, अब विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने केंद्रीय बजट पेश होने से पहले विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। संगठन के महासचिव एसबी यादव का कहना है कि 19 जुलाई को सरकारी कर्मचारी, लंच समय के दौरान अपने कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बाबत कैबिनेट सचिव को अवगत करा दिया गया है। इससे पहले रेलवे, रक्षा और दूसरे कर्मचारी संगठन भी अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
पुरानी पेंशन बहाली और दूसरी मांगों को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने गत वर्ष रामलीला मैदान में रैली आयोजित की थी। यादव के मुताबिक, मांग पत्र और विरोध प्रदर्शन की जानकारी, वित्त मंत्रालय के सचिव को भी दी गई है। कन्फेडरेशन की प्रमुख मागों में आठवें वेतन आयोग का गठन और एनपीएस की समाप्ति व पुरानी पेंशन बहाली, शामिल है। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) और स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य भी गारंटीकृत पुरानी पेंशन की मांग उठा चुके हैं। एनजेसीए के सदस्य, सी. श्रीकुमार कह चुके हैं कि उन्हें एनपीएस में सुधार मंजूर नहीं है। सरकारी कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन ही चाहिए।
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने संसद सत्र के दौरान पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के दो दर्जन से अधिक सांसदों से मुलाकात की थी। उन्होंने विशेषकर शिक्षकों व दूसरे विभागों के कर्मचारियों के लिए ओपीएस को बुढ़ापे की लाठी बताया है। बंधु ने विभिन्न दलों के सांसदों से मांग की थी कि वे सरकार पर दबाव बनाकर पुरानी पेंशन बहाल कराएं।
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव के मुताबिक, कोविड के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर देने के लिए सरकार राजी नहीं हो रही है। 18 माह के डीए का एरियर, कर्मियों का हक है। कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का उक्त भुगतान रोक कर 34,402.32 करोड़ रुपये बचा लिए थे। भारत पेंशनर समाज के महासचिव एससी महेश्वरी ने भी कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर जारी करने के लिए सरकार से आग्रह किया है।
केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 3 किस्तें रोक ली थीं। उस वक्त सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी। यादव के अनुसार, रेस्टोरेशन कम्युटेशन ऑफ पेंशन की अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष किया जाए। अनुकंपा नियुक्ति पर लगी पांच फीसदी की सीमा को खत्म किया जाए। इसके चलते उन कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी, जो अपनी जॉब के दौरान मारे गए हैं। सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को बिना किसी देरी के भरा जाए। आउटसोर्स व अनुबंध आधारित नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए। सर्विस एसोसिएशन/फेडरेशन पर रूल 15 1(सी) को लागू करने पर रोक लगे।
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल के मुताबिक, कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम चाहिए। उन्होंने सरकार को एनपीएस को ओपीएस में बदलने के लिए सुझाव भी दिए हैं। अगले हफ्ते से ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन द्वारा, देशभर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए नेशनल मिशन फॉरओल्ड पेंशन स्कीम (भारत) के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ये सम्मेलन यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली और जम्मू कश्मीर में होने तय हुए हैं।
इससे पहले कई दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी अपनी मांगों की फेहरिस्त सरकार के समक्ष रखी है। अपनी मांगों के समर्थन में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र भेजे गए हैं। पुरानी पेंशन बहाली के अलावा कर्मचारियों की दूसरी मांगों में आठवें वेतन आयोग का गठन, मेडिकल सुविधाओं की बेहतरी, स्टाफ बेनिफिट फंड, रेस्टोरेशन कम्युटेशन ऑफ पेंशन, इनकम टैक्स स्लैब, होम लोन रिकवरी व रेलवे की क्षमता में वृद्धि, आदि मांगें शामिल हैं। जेसीएम स्टाफ साइड के सचिव और एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 21 जून को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने 11 जून को प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखा था। अपने पत्र में मिश्रा ने आग्रह किया था कि एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मियों की पुरानी पेंशन बहाली पर गंभीरता से विचार किया जाए। सरकार आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा भी जल्द से जल्द करे।