Fri, 20 September 2024 03:18:04am
भारत में फर्जी चालान का स्कैम लंबे समय से चल रहा है। काफी लोगों को तो इसके बारे में जानकारी है, लेकिन जिन्होंने नई-नई गाड़ी ली है, वे लोग इस फर्जी चालान के जाल में फंस रहे हैं। इस स्कैम को लेकर अब सरकारी साइबर एजेंसी साइबर दोस्त ने चेतावनी दी है।
साइबर दोस्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा है कि ई-चालान स्कैम से सावधान रहें। यदि आपके पास ई-चालान को लेकर कोई मैसेज आता है तो उसके साथ मिले लिंक को क्रॉस चेक करें। इस फर्जी लिंक के जरिए आपके बैंक अकाउंट को खाली किया जा सकता है।
क्या है फेक ई-चालान स्कैम?
यह एक नए तरह का स्कैम है। पुलिस के अनुसार, स्कैमर्स लोगों को ऐसे टेक्स्ट संदेश भेज रहे हैं जो देखने में ऐसे लगते हैं जैसे वे ट्रैफिक पुलिस से हों। संदेशों में कहा गया है कि प्राप्तकर्ता ने यातायात उल्लंघन किया है और उसे जुर्माना भरना होगा। संदेशों में एक लिंक भी शामिल होता है जिस पर प्राप्तकर्ता को जुर्माना भरने के लिए क्लिक करने का निर्देश दिया जाता है। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद लोगों को एक फर्जी वेबसाइट पर री-डायरेक्ट किया जाता है। उसके बाद पेमेंट ले लिया जाता है। इसके अलावा कई बार लिंक के जरिए यूजर्स के फोन को भी हैक किया जाता है और निजी जानकारी चोरी की जाती है।
असली और नकली चालान की पहचान कैसे करें?
हेमेंद्र कुमार मीना ने बताया कि असली चालान के मैसेज में इंजन नंबर, चेसिस नंबर जैसी जानकारी होती हैं। असली चालान के मैसेज के साथ आए लिंक पर क्लिक करने पर वह लिंक यूजर्स को सरकार की आधिकारिक साइट https://echallan.parivahan.gov.in पर री-डायरेक्ट करता है। नकली साइट का लिंक कुछ ऐसा https://echallan.parivahan.in/ है। इसमें .gov.in को हटा दिया गया है।
सबसे बड़ी गौर देने वाली बात है कि केवल अधिकारिक सरकारी विभाग के अलावा कोई और .gov.in के एक्सटेंशन का डोमेन नहीं ले सकता इसलिए विशेष ध्यान दें कि आप जिस वेबसाइट पर हैं उसके एक्सटेंशन में .gov.in है तभी वह सरकारी या सरकार से सम्बंधित वेबसाइट है। (आदेश डाउनलोड करें)
Beware of E-Challan Scams!
— Cyber Dost (@Cyberdost) July 10, 2024
If you receive a message with a link for traffic challan payments, double-check the URL! Fake links can lead to fraudsters hacking your bank account. #CyberSafety #StaySafeOnline #CyberCrimeAwareness #CyberDost #DigitalSecurity #I4C pic.twitter.com/B36xio6c3y