Fri, 20 September 2024 03:22:59am
जोशीमठ के पास अवरुद्ध बदरीनाथ राजमार्ग 72 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए चौथे दिन खुल गया। हाईवे पर बाधा बना बोल्डर हटा दिया गया है। फिलहाल दोपहिया वाहन के लिए मार्ग सुचारू है। पूरी तरह से हाईवे के जल्द खुलने की संभावना है। मार्ग खोलने का कार्य जारी है।
वहीं मार्ग बंद होने के कारण दोनों तरफ औली, हेमकुंड साहिब, बदरीनाथ और फूलों की घाटी जाने वाले 2,800 से अधिक यात्री फंसे हुए हैं। बुधवार को इन यात्रियों ने वाहनों में और विभिन्न पड़ावों पर रात गुजारी।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब, सेना, व्यापारी और स्थानीय निवासी यात्रियों के लिए भोजन का प्रबंध कर रहे हैं। फिलहाल, एसडीआरएफ की मौजूदगी में यात्रियों की पैदल आवाजाही कराई जा रही है। दूसरे छोर से यात्री स्थानीय वाहनों में आगे के लिए रवाना हो रहे हैं।
500 से अधिक यात्रियों को निकाला
गुरुवार को एसडीआरएफ ने 500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित आवाजाही कराई। राजमार्ग बाधित होने से जोशीमठ विकासखंड में उपचुनाव कराने गई 15 पोलिंग पार्टी भी 12 घंटे तक अपने-अपने बूथ में फंसी रहीं। चार पोलिंग पार्टी को हेलीकाप्टर से गोपेश्वर लाया गया।
बता दें कि, बदरीनाथ राजमार्ग मंगलवार से जोशीमठ और जोगीधारा के बीच बाधित है। यहां भूस्खलन से 20 मीटर से अधिक मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थर और मलबा गिर रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम जान जोखिम में डालकर रास्ता खोलने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है, लेकिन मार्ग पर आई एक विशालकाय चट्टान चुनौती बनी हुई है।
बाल-बाल बची श्रमिकों की जान (देखें विडियो)
बीआरओ ने चट्टान को तोड़ने के लिए कई विस्फोट किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब बीआरओ इस चट्टान और पहाड़ी को काटकर सड़क तैयार कर रहा है। इस कार्य में लगे 12 श्रमिक और एसडीआरएफ की टीम गुरुवार दोपहर बाल-बाल बच गई।
रास्ता खोलने के दौरान पहाड़ी से भूस्खलन हुआ और बड़ी मात्रा में मलबा व पत्थर फिर से मार्ग पर आ गिरे। गनीमत रही कि इससे पहले श्रमिक और एसडीआरएफ जवान दौड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए। इस दौरान दो श्रमिकों को हल्की चोट आई। मौके पर ही प्राथमिक उपचार के बाद श्रमिक फिर से रास्ता खोलने में जुट गए।
आज यातायात सुचारु होने की उम्मीद
बीआरओ कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि राजमार्ग को खोलने के लिए कार्य लगातार जारी है। पहाड़ी से रुक-रुक पत्थर और मलबा गिरने से खतरा बना हुआ है, बावजूद इसके श्रमिक डटे हुए हैं। इस कारण ड्रिल मशीन को क्षति पहुंचने के साथ दो श्रमिकों को भी हल्की चोट आई है। गुरुवार को दिनभर पैदल आवाजाही होती रही। शुक्रवार शाम तक राजमार्ग यातायात के लिए सुचारु कर दिया जाएगा। चट्टान को हटाने के लिए रात में विस्फोट किया जाएगा।
यात्रियों की मदद को आगे आए विभिन्न संगठन और स्थानीय लोग
राजमार्ग बंद होने से जोशीमठ, पीपलकोटी, हेलंग, चमोली, बिरही, टंगड़ी समेत विभिन्न पड़ावों पर यात्री फंसे हुए हैं। स्थानीय लोग उनकी निरंतर मदद कर रहे हैं। गुरुवार को गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब, सेना और व्यापार संघ ने जोशीमठ में यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था की। पीपलकोटी में स्थानीय निवासियों ने यात्रियों के लिए भोजन का प्रबंध किया। जोशीमठ में एनटीपीसी ने पानी, बिस्किट व लंच के पैकेट वितरित किए।
Terrifying moment on Badrinath Highway, Uttarakhand:
— Kumaon Jagran (@KumaonJagran) July 11, 2024
Workers clearing the road faced sudden danger as boulders came crashing down without warning. Quick thinking and fast reactions saved lives as they fled the falling rocks. A stark reminder of the risks faced by those… pic.twitter.com/nkyY7OwXDD